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विविध पूजन संग्रह
॥ १५७ ॥
क्षमा-प्रार्थना निम्न श्लोक बोलकर भूल चूक की क्षमा मांगना :"आह्वानं नैव जानामि, नैव जानामि पूजनम् । विसर्जनं न जानामि क्षमस्व परमेश्वरी ॥" विसर्जन :निम्न मंत्र बोलकर विसर्जन करना ।
"ॐ नमोस्तु भगवति पद्मावती स्वस्थानं गच्छ गच्छ जः जः जः ॥ अन्तिम मंगल :____ सर्व-मंगल-मांगल्यं, सर्व कल्याण-कारणं । प्रधानं सर्व-धर्माणां, जैनं जयति शासनम् ॥ तीन बार जोर से :
श्री भगवान पार्श्वनाथ की जय । श्री पद्मावती माताजी की जय ॥
श्री पार्श्व पद्मावती महापूजन विधि
॥१५७॥
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