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विविध पूजन संग्रह
॥ १०० ॥
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(३) भूमिपूजन :
"ॐ भूरसि भूतधात्रि ! सर्वभूतहिते । भूमि शुद्धिं कुरु कुरु स्वाहा ॥" (४) देह (शरीर) का शुद्धिकरण विधान :
(अंजलि मुद्रा करके दोनों हाथों में सभी तीर्थों का पानी है ऐसी कल्पना कर निम्नोक्त मंत्र द्वारा मस्तक से लेकर सभी अंगों पर स्नान करना )
“ ॐ अमले विमले सर्वतीर्थजलोपमे पाँ पाँ वाँ वाँ ज्वीं क्ष्वीं अशुचिः शुचिर्भवामि स्वाहा ॥"
(५) हृदय शुद्धि विधान :
( दोनों हाथ हृदय पर स्पर्श करते हढए निम्नोक्त मंत्र बोलना ) " ॐ विमलाय विमलचित्ताय ज्वीं क्ष्वीं स्वाहा ॥ "
(६) वस्त्र शुद्धि विधान
(पूजा के वस्त्रों को स्पर्श करते हढए । )
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"ॐ ह्रीँ आँ क्रों नमः
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श्री गौतमस्वामी पूजनविधि
॥ १०० ॥
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