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विविध पूजन संग्रह
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(२) गरुड मुद्रावडे
(१) परमेष्ठि मुद्रावडे (३) मुक्तशक्ति मुद्रावडे निम्न मंत्र बोलते हुए मुद्राओं को बनाते हुए परमात्मा का आह्वान करना । ॐ नमोऽर्हत्परमेश्वराय, त्रैलोक्यगताय, अष्टदिक्कुमारीपरिपूजिताय देवेन्द्रमहिताय, देवाधिदेवाय, दिव्यशरीराय, त्रैलोक्यपरिपूजिताय आगच्छ आगच्छ स्वाहा ॥ नवमी कुसुमांजलि
.. बिम्बे ॥ १ ॥ ( पूर्व अनुसार )
नानासुगन्धि- पुष्पौघ..
ॐ ह्रीँ ह्रीँ हूँ हूँ हूँ हूः परमार्हते परमेश्वराय पुष्पाञ्जलिभिरर्चयामीति स्वाहा ॥ नवमं (पंचगव्य अथवा पंचामृत ) स्नात्र
नमोऽर्हत्सिद्धाचार्योपाध्यायसर्वसाधुभ्यः
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श्री अठारह अभिषेक
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