Book Title: Vitrag Mahadev Stotra
Author(s): Hemchandracharya, 
Publisher: Jain Atmanand Sabha

Previous | Next

Page 10
________________ आचार्यश्रीविजयवल्लभसूरिभ्यो नमः । कलिकालसर्वज्ञश्रीहेमचन्द्राचार्यविरचित श्रीवीतराग-महादेव-स्तोत्र । भाषांतर सहित. यः परात्मा परं ज्योतिः, परमः परमेष्टिनाम् । आदित्यवर्ण तमसः, परस्तादामनन्ति यम् ॥ १ ॥ जे परमात्मा ( सर्व संसारी जीवोथी श्रेष्ठ स्वरूपवाळा ) छे, केवळज्ञानमय छे, पंचपरमेष्ठीमां प्रधान छे, तेम ज जे अज्ञाननी पेले पार गयेला अने सूर्यना जेवा उधोत करवावाळा छे एम पंडितजनो माने छे. १ सर्वे येनोदमूल्यन्त, समूलाः क्लेशपादपाः । मूर्ना यस्मै नमस्यन्ति, सुरासुरनरेश्वराः॥ २ ॥ Jain Education Internationat Private & Personal Use Onlyww.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 106