Book Title: Tirthankar Charitra Part 3
Author(s): Ratanlal Doshi
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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विषय
क्रमांक ३०९ नागरिकों पर संकट ३१० भगवान् का आगमन सुदर्शन का
साहस
३११ सुदर्शन के आत्म-बल से देव पराजित हुआ
३१२ अर्जुन अनगार की साधना और मुक्ति ३१३ बालदीक्षित राजकुमार अतिमुक्त ३१४ उग्र तपस्वी धन्य अनगार
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राजा की घोषणा ४५३
३१५ भगवान् द्वारा प्रशंसित
३१६ पापपुंज मृगापुत्र की पापकथा ३१७ गौतम स्वामी मृगापुत्र को देखने जाते हैं
३१८ मृगापुत्र का पूर्वभव
३१६ पापी गर्भ का माता पर कुप्रभाव ३२० लेप गाथापति
३२१ गौतम स्वामी और उदकपेढाल पुत्र ३२२ स्थविर भगवान् की कालावेषि पुत्र अनगार से चर्चा
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क्रमांक
विषय
३२३ गांगेय अनगार ने भगवान् की सर्वज्ञता की परीक्षा की
३२४ सोमिल ब्राह्मण का भगवद्वन्दन ३२५ नौ गणधरों की मुक्ति
३२६ (भविष्यवाणी - दुषमकाल का स्वरूप
३२७ दुःषम-दुषमा काल का स्वरूप ३२८ उत्सर्पिणी काल का स्वरूप ३२९ हस्तिपाल राजा के स्वप्न और
उनका फल
३३० वीरशासन पर भस्मग्रह लगा ३३१ गौतम स्वामी को
दूर किये ३३२ भगवान् की अंतिम देशना ३३३ भगवान् का मोक्ष गमन
३३४ देवों ने निर्वाण महोत्सव किया ३३५ गौतम स्वामी को शोक x के वलज्ञान ३३६ भगवान् के बयालीस चातुर्मास ३३७ भगवान् की शिष्य-सम्पदा
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