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विषय प्रवेश : १७
ग्रीक लोग इन्हें "नाजरित" कहते थे । " नाजरित" शब्द " नाजार" या " नाजिर " शब्द से आविर्भूत हुआ है । ईसा से पूर्व पश्चिमी एशिया में " नाजार" नामक एक प्राचीन जाति थी जो रहस्यमय एवं चमत्कारपूर्ण ढंग से रोगियों का उपचार करती थी ।' पौराणिक कथाओं में जरथुस्त्र का आविर्भाव दैवी योग से माना है । कहा जाता है कि उनके गर्भ में आने पर माता के चारों ओर आध्यात्मिक ज्योति का प्रकाश हो गया था और जन्मोपरान्त समस्त लोक आलोकित हो उठा था । अनुश्रुतियों के अनुसार बुद्ध और महावीर के जन्म के समय भी यह चमत्कार घटित हुआ था । जन्म के बाद शिशु जरथुस्त्र ने जो हास्य किया उससे समस्त शुभ सृष्टि प्रसन्न हो उठी, परन्तु अशुभ अपने विनाश की चिन्ता से चिन्तित हो गया । प्लिनी का कहना है कि जरथुस्त्र के जन्म के पश्चात् उनके मस्तिष्क के कम्पन इतने तीव्र थे कि उसे स्थिर करने के लिए उनके सिर पर हाथ रखना पड़ा था । ४
कुछ विद्वानों के अनुसार जरथुस्त्र का जन्म मिडिया के 'राधा' नामक स्थान में हुआ था इनके पिता का नाम 'पौरुषाष्पा' और माता का नाम 'दुधदेवा' था । जरथुस्त्र को 'स्पितमा' कहा जाता है जो उनकी वंश परम्परा का नाम था । ग्रीक और लेटिन में इन्हें ' जोरोआस्टर' और इनके द्वारा प्रवर्तित धर्म को 'जोरोआस्ट्रियानिज्म' कहते हैं । जरथा शब्द का अर्थ 'पीला' और 'उश्त्र' शब्द का अर्थ 'ऊँट' होता है अर्थात् पीला ऊँट रखने
1. Olcott, H, S.; Adyar Pamphlets No. 23, p. 8 (Theosophical Publishing House, Adyar, Madras, 1913
द्रष्टव्य : पारसी धर्मं एवं सेमिटिक धर्मों में मोक्ष की धारणा, पृ० २४
2. “Hail born for us is the priest, Spitama Zarathushtra". Yt. 13, 93, 94 : Dr. Dhalla's Translation
द्रष्टव्य : वही
3. "He alone who forces me to quit who is Spitama Zarathushtra.” Yt 17, 19, 20 : Dr. Dhalla's Translation. द्रष्टव्य : वही
4. "Pliny adds the vibrations of the childs brain were so fierce as to repel the hand laid upon it." Dastur and Nanavutty : Songs of Zarathushtra, p. 18.
द्रष्टव्य : वही
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