Book Title: Shatkhandagama Pustak 07
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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१७६
२१७
विषय-सूची फ्रम नं. विषय पृष्ठ नं. | क्रम नं. विषय
पृष्ठ नं. २९ कृष्णादिक तीन लेश्यावालोंकी १० स्त्री-पुरुषवेदियोंका अन्तर २१३ कालप्ररूपणा
१७४ | ११ नपुंसकवेदियोंका , २१४ ३० पीतादिक तीन लेश्यावालोंकी १२ अपगतवेदियोंका , २१५ कालप्ररूपणा
१३ क्रोधादि कषाय युक्त जीवोका ३१ भव्यसिद्धिक जीवोंकी काल
अन्तर
२१६ प्ररूपणा
| १४ अकषायी जीवोंका अन्तर २१७ ३२ अभव्यसिद्धिक जीवोंकी १५ मतिश्रुत अक्षानी जीवोंका कालप्ररूपणा
___ अन्तर ३३ सम्यग्दृष्टि जीवोंकी काल
१६ विभगज्ञानी जीवोका अन्तर २१८ प्ररूपणा
१७ मतिज्ञानी आदि चार सम्य३४ सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीवोंकी
___ शानियोंका अन्तर
२१९ कालप्ररूपणा
| १८ केवलज्ञानियोंका अन्तर २२१ ३५ सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंकी
१९ संयत जावोंका , कालप्ररूपणा
२० असंयत ,
२२५ ३६ मिथ्यादृष्टि जीवोंकी काल
२१ चक्षुदर्शनी ., , २२६ प्ररूपणा
| २२ अचक्षदर्शनी व अधि. ३७ संत्री जीवोंकी कालप्ररूपणा
दर्शनियोका अन्तर
२२७ ३८ असंही जीवोंकी कालप्ररूपणा
२३ केवलदर्शनियोंका अन्तर ૨૨૮ ३९ आहारक ,
२५ कृष्णादिक तीन लेश्या युक्त ४० अनाहारक, " १८५ जीवोंका अन्तर
२५ पीतादिक तीन लेश्या युक्त . एक जीवकी अपेक्षा अन्तरानुगम
जीवोंकी अन्तरप्ररूपणा १ गतिमार्गणानुसार नारकियोंका २६ भव्य व अभव्य जीवोंका अन्तर अन्तर
१८७ २७ सम्यग्दृष्टि और सम्यग्मिथ्या२ तिर्यंच व मनुष्योंका अन्तर १८८ दृष्टि जीवोंका अन्तर ३ देवोंका अन्तर
२८ सासादनसम्यग्दृष्टियोंकी ४ एकेन्द्रिय जीवोंका अन्तर १९८
अन्तरप्ररूपणा
२९ मिथ्यादृष्टियोंकी अन्तरप्ररूपणा ५ द्वीन्द्रियादिक जीवोंका
३० संशी जीवोंकी अन्तरप्ररूपणा __अन्तर ६ पृथिवीकायिकादिक जीवोंका
३१ असंशी ,
२३५ अन्तर
३२ आहारक-अनाहारक जीवोकी २०२
अन्तरप्ररूपणा ७प्रसकायिक जीवोंका अन्तर ८ पांच मनोयोगी व पांच नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविचयानुगम वचनयोगी जीवोंका अन्तर
१ गतिमार्गणामें अस्ति-नास्ति ९काययोगियोंकी अन्तरप्ररूपणा २०६ / भंगोंका निरूपण
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२३२
२०४
२०५
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