Book Title: Shatkhandagama Pustak 07
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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विषय-सूची
क्रम नं. . . विषय पृष्ठ नं. क्रम नं. विषय पृष्ठ बन्धक-सवप्ररूपणा
२ ग्यारह अनुयोगद्वारोंका क्रम १धवलाकारका मंगलाचरण
१ ३ गतिमार्गणानुसार नैगमादिक २बन्धकोंका निर्देश
नयोंकी अपेक्षा नारकप्ररूपणा . ३ गतिमार्गणाणुसार बन्धक
| ४ तिर्यंच, मनुष्य व देवगतिमें और अबन्धकोंकी प्ररूपणा
___ स्वामित्वप्ररूपण ४बन्धकारणोंका निर्देश
५ नारकियोंके पांच उदय- . ५ इन्द्रियमार्गणानुसार बन्धक
स्थानोंका निरूपण - अबन्धकोंका प्ररूपण
६ तिर्यंचोमें नौ उदयस्थानोंका
- निरूपण .६ कायमार्गणानुसार बन्धक प्ररूपणा.
७ उदयस्थानभंगोंकी संख्या- . .७ योगमार्गणानुसार बन्धक
दिकके जाननेका उपाय प्ररूपणा
८ मनुष्यों में ग्यारह उदय८ वेदमार्गणानुसार बन्धक
स्थानोंका निरूपण प्ररूपणा
९ देवों में पांच उदयस्थानोंका .. ९ कषायमार्गणानुसार बन्धक
निरूपण प्ररूपणा
१० इन्द्रियमाणानुसार स्वामि१० ज्ञान व संयम मार्गणानुसार
त्वप्ररूपण बन्धक प्ररूपणा
११ इन्द्रिय शब्दका निरुक्त्यर्थ ११ दर्शन व लेश्या मार्गणानुसार १२ एकेन्द्रिय भावमें शायोपशमिबन्धक प्ररूपणा
कत्व प्रकट करते हुए घाति१२ भव्य व सम्यक्त्व मार्गणा
अघाति काँका प्ररूपण नुसार बन्धक प्ररूपणा
। १३ द्वीन्द्रियादि भावों में क्षायो१३ संक्षिमार्गणानुसार बन्धक
पशमिकता प्ररूपणा
१४ एकेन्द्रियादि भावों में औद१४ आहारमार्गणानुसार बन्धक ।
यिके भावकी आशंका व प्ररूपणा
उसका समाधान ____ स्वामित्वानुगम .
१५ अनिन्द्रियत्वमें क्षायिक भाव
बतलाते हुए इन्द्रियविनाशमें १बन्धकोंकी प्ररूपणामें ग्यारह .
शानादिके विनाशकी आशंका . . अनुयोगद्वारोंका निर्देश २५ । व उसका समाधान .. २८
. २४
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