Book Title: Panchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Author(s): Kanakprabhashreeji
Publisher: Kanakprabhashreeji
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प्रथम अध्याय : विषय प्रवेश
(अ) जैन साहित्य में आचार्य हरिभद्र और उनके पंचाशक प्रकरण का स्थान
और महत्त्व। (ब) आचार्य हरिभद्र की जीवनरेखा -
(1) जन्म, कुल परम्परा, गृहस्थजीवन एवं जैन परम्परा में दीक्षा और उनका मुनिजीवन। (2) आचार्य हरिभद्र के व्यक्तित्व की विशेषताऐं। आचार्य हरिभद्र का कृतित्त्व। (1) आचार्य हरिभद्र के कृतित्त्व की बहु आयामिता। (2) आचार्य हरिभद्र की उपलब्ध कृतियाँ।
(3) आचार्य हरिभद्र की महत्वपूर्ण कृतियों का संक्षिप्त परिचय। (द) · आचार्य हरिभद्र के पंचाशक प्रकरण का वैशिष्ट्य और उसकी विषय
वस्तु। (इ) आचार्य हरिभद्र की समीक्षात्मक एवं समन्वयात्मक दृष्टि
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