Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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१. पढमं परिसिटुं
'पइण्णयसुत्ताई भाग १-२' गंथाणं गाहाणं अणुकमो
[* एतादृचिह्नाङ्कितानि स्थानानि गद्यसूत्रात्मकानि शेयानि । अत्र द्वितीयभागगतस्थानानि आमललिप्यकेन निर्दिष्टानि
गाहा
अइदुजय पि इंदिय अइदुल्लहभेसजं अइमुत्तय-जाईहि य अइसंखेवं मोत्तुं अउणाणउइसहस्सा अउणापणं जुयले अउणावीससहस्सो(१ स्सा) अकडुमतित्तमणंबिलअकडुयमतित्तयमणबिलं अकलियपणयविरोहा अकामए पव्वइए अकुसलखओवसमओ अकूडचं च कूडेसुं अकंडे चिरभाविय अक्खोवंगो वणे लेवो अक्खोवंजणमादाय अगणिजियत्ते बहुसो अगणिय जो मुक्खसुहं अगंधणे कुले जातो अगीयत्थ-कुसीलेहि अगीयत्थस्स क्यणेणं अगुणचीस सहस्सा अगुणचीसं पुण्णा अग्गि-जल-वाल-विसहर अग्गिणा तु इहं दड्डा अम्मिम्मि य उदयम्मिय
गाईको गाहा
गाईको 1253 अग्गि-विस-किण्हसप्पाइयाणि दोसं क° 575 २९७५
, न क° 574 ३०५६ अग्गीओन वियाणा
164 ३५४७ अग्गी य पयावति सोम
३२८५ २०६ अप्प(१ ग्यइ) य सविण्णाणो ४४२५, ४६४७ ३८२५ अघणकुटे(डे) अकवाडे
1322 ४३७६
अचलस्स वि अमरपरिहाई ४१३२ 759 अच्चम्भुयगुणवंते
२५३६ 1650 अच्छंति जे वि अज वि
2427 1126 अच्छं बहलं लेवड
1355 १७१८ अच्छिनिमीलणमे
846 1910 अच्छिमलो कन्नमलो
४६४ १८६९ अच्छीणि संघसिरिणो
1384 २८६६ अच्छेजा अन्भेजा
2516 २११० अच्छेरयमन्नतो
३०३३ १६३२ अच्छेरयं च लोए
११९७ 2350 , महल्लं
४५२९ २७७७, 1619 अज अजम अभिवुद्धी
३४९९ २११२ अजयणाए पकुव्वंति
३००३ २९३१ अजसमणत्यं दुक्खं
620 २९२९ अजिइंदिएहिं चरणं
641 २१५७ अजिओ य भरहवासे एरवय- ४०६९ ३२५२
___" " " [य] सुअणु867 अजप्पभिई देवो
2754 २००० अन्ज वि दीसह लोए
३०७४ १०३५ । अजाओ अणाहाओ
1170 २५५
३८५६
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