Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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३१४
गाहा
नमिऊण जिणवरिंदे
""
""
""
समण संघ
33.
नमिजिणचंदो भरहे अस्सिणि
""
""
""
जिणं जयजीव
महाइस
महावीरं
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""
नमि-विनमी वेडे नमो [] अरहंताणं नमोsस्थ धुयपावाणं नमो समणस्स भगबओ
नयण-मणकंतरूवा
योदi पितासिं
नय तम्म देस - काले
'पइण्णय सुत्ताइं भाग १ - २ ' गंथाणं गाहाणं अणुकमो
गाहंको
३८१३
२४७३
२६४०
२८८४
३५४५
33 33
तं लहइ न भुंजइ ,,,,, दीणया न सोगो
,,,, पडिकूलेयन्वं
33.39
परिहायइ कोई "" मणसा चिंतेजा
विहवेणुव समिओ
"
” एग
भरह
""
,,,, सकइ पव्वजं
संतोसं पत्तो
33 33
होइ संजओ वस्थनरसऽणुत्तरे य नरपसु वेयणाओ अणो
""
नर-तिरिक्खगईसु य नरगे उववन्नेणं
नरभावं लिहिणं नर-मगर - विहग - बाल -
नरयकडयम्मि पत्तो नरयगइगमणरोहं
नई - तिरियई
सीउन्ह
33
नरयपालेहिं वियण
नरग्मि वि जीव ! तुमे
नेरइया
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२४४३
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२६००
२५८२
गाहा
नर- विबुहेसर सोक्खं
न रहसि सद्दाहमणोहरे सु
""
लहइ जहा लिहतो नलिणऽज्झयणं सुणिउं नवकपेहि विहारो नवकप्पो य
""
नवकारभावेणं
नवकारपोरसी
नवकारं भणिऊण नवकोडिसय सहस्साइं
नवगुती हिं विसुद्ध
नब चैव सहरसाई चत्तारि
पंचेव
"
22
नवजोयणवित्थिष्णा
वाढ
नबधम्मस्स हु पाएण
नवनवई पुब्वाई
नवपुवीणं इक्कार
नवभा
गुत्तो नवबिंबाण पवेसो
"
नवमं लोहऽभिहाणं
नवमी मुम्मुही नाम
नवमे किंपि न याणइ
य सिलप्पव
""
नवमो य आणदो
महापउमो
22 23
नवरं पडिलोमाई
नवविह विजा तह नवसागरोवमाणं
नव विवासेसे इंदो
भणितं
33 33
बारस
35 33 ""
मण
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53
33 33
15
"
नवहि वियाण नवचंपग
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गाईको
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सिद्धत्था...। साइ
... । इत्थु -
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