Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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गाहा
विणयं आयरियगुणे.........।..... वोच्छामि ॥
...।... सोऊणं ।।
""
33
विष्णाणं जिणवयणं
विण्णासो ओसहीणं तु... अण्णाणेण
नाणजोगेण
"
""
वि तहा पुरो विण्डुमुणिमि मरते
वित्तीणं चुन्नी वित्थर-संखेवेणं
वित्थिष्णो पणुवीसं विन्नाया निस्सेसा
विन्नयो निस्सेसो विमलजिणे छप्पन्ना विमलप क्वो विमलो
विमलं च वासुपुजा विमले उत्तरे चैव
"" ""
""
विरसं आरसमाणो
विरियं न जं पउत्तं विलग्गाओ निमित्ताओ
४०५१
४६६६
विमलो य भरहवासे... । उत्तर- ३८६, ४०८२
...। भरहे
३८९४
१३१३
2552
७४८
७३४
४४३५
1946
23, 2521
764
विलग्गेसु पसत्येसु
विवरीय लोगधम्मे
विविधगुणसमान्ने
विविहतव सोसियंगो
विविहम्मि कीरमाणे
विविहाहि य पडिमाहि य विविहाहिं एसणाहि य
विविहि मंगलेहि य
विस · अग्गि - खारपाणियविसर अवयवंता
सिएहिं से क
विसनंदी सुबंधू य विभूती पव्वय विसमा अज तुलाओ
,,
जइ हुज तणा विसमेसु य वासुं
पढमं परिसि
गाहंको
४९१
६६२
४२४७
१७९२
१७९३
७१८
४३६१
321, 2000
567
२२९८
335
2014
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३९९९
पृ० २७२ टि० १
९३०
९२९
१३३१
४५१५
२७८८
1892
४१४१
४१४६
३८४
1810
३८५
गाहा
विसयजलं मोहकल विसयविसमुच्छिणं विसयाउरेहिं बहुस
विसयाविक्खो निवडह
विसं वा अमतं वा वि विस्सरसरं रसंतो विस्ससणिजो माय व्व
माया
33
विहरता य सुर
विहरति जे जिनिंदा
भर हवासं
"
विहिणा इमेण धीरो
""
विहियं तह साह
जो उ चोएइ
साहिजं
""
विहिया sesन्नम्मे विहियाणसणो खवगो
विहिया य संघपूया
विछिय को लिय-मसगा
विछिय- कोलियम इसु विटलियाणि पउंजंति
23
मोहस् तस् वीरमईए सुरंगचोरवीरासण पलियंक
वीरिएणं तु जीवस्स
वीरियआयारं पिहु
वीरेण समा
वीरो अरिनेमी
वसतिवासा मणुया
वीसत्यमारणं जं
वीसं च अहोर
"
जोयणकोडी
""
पंच य सिट्ठा वीसंभभिरं पहु वी साहसीओ
वीसा सहस्से पंचहि
वरिस -
""
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"
३३९
गाईंको
२७६९, 1577
1708
621
२७८६
१६३०
३५१
1456
२७३८
३०४८
2429
४५४२
1370
२९०८
346
2025
299, 1978
725
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2069
417
3002
२०९६
1508
1077
२८८९
2631
४२२२
३९२७
४५०९
433, 2125
३४०१
२१४८
2288
२७५७, 1502
४०३३ ४३६७
४३६८
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