Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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गाहा
गाईको
2725
२१०४
३४६ 'पइण्णयसुत्ताई भाग १-२'गंथाणं गाहाणं अणुक्कमो
गाईको गाहा संवासं सीलगुणडएहि
1145 * साकारचतुर्विधाहारप्रत्याख्यान- 5433 मंविग्गयरे पासिय 1035 सा किर तइया गावी
४१८३ संविग्गा भीयपरिसा
३०११
", दुप्पडिपूरा संवेगगग्गरगिरो
521 साकेयपुराहिवई
२७६१ संवेगजणियहासो 1108 सागरतरणत्थमईइयस्स
१११६ संवेगमसंविग्गाण 1034 सागरेणावणिजोको
२१२४ संसगितो पसूयंति १९५८ सागार निरागार
548 संसजगपरिहारो
1005 सागारमणागारं संसारचकवालम्मि २८६२ सा व मुहुत्तगती
३४६० संसारचक्कवाले ९९६, १४९२, पृ० ८५ टि० * सातादुक्खेण अभिभूतस्स १७२१ संसारऽण्णवपवहण268 साति विसाहा अणुराह
३२८२ संसारबंधणाणि य ७७९ साधुकिरियासु कासु वि
2210 संसारमूलबीयं २६९८, 1378 * साधु सुचरितं अब्वाहता
१८७६ संसारम्मि अणंते अणाइ
२६१९ साभावियगुणोपेतं " , परि...आउत्त १४२६ सामइय-पोसहाई
307, 1986 " , ...तिरियत्त १४३२, 501 सामण्णमणुचरंतस्स ६३०, ४७४१, 666 " ...तेउत्त१४२७ सामण्णमुजमेउं
1239 ...देवत्त- १४३४ सामण्णविसेसेणं......आउ
३९२४ ...नरयत्त- १४३१
.......चउत्थ
३९१३ ...पुढवित्त- १४२५ सामण्णस्स वि लंभे ....मणुयत्त- १४३३ सामण्णे गीतणीमाणा
२०२४ ...वणस्सइत्त १४२९ सामाइय छेयट्ठावणं
944 ...वाउत्त- १४२८ सामाइयमाईयं
३०५२ ...विगलत्त- १४३० सामाइय समणाणं
४४१६ " ...मए 501 सामाइयं च पढमं
४४०८ संसाररंगमज्झे १०६०, १५६९ सामिम्मि जो ममत्तो
2240 संसारसंतई चित्ता
१८३९ सामियसणंकुमारा!.......भणमाणाणं ४२०७ संसारसंतईमूलं
१६६१
1...।...भणमाणीणं ४२१० संसारसमावन्ने
७६६ सामी भडेहिं, अंधेहिं
1158 संसारसायरम्मी
1192 सा य पगलंतलोहियसंसारियं पि जं पयइ 947 ,, सलिलोललोहिय
११६३ संसारे दुक्खमूलं तु १७२५ सारदं व जलं सुद्धं
२१०३ १८१७ सारस्सय-मादिच्चा
४६०६ 2742 सारस्सयमाईणं
2160 साइमणंतं कालं 925 सारस्सयाइयाणं
468 साई अपजवसिया 250 सारावलियं नामं
३१०९ साएयपुराहिवई 1507 सारीर-माणसेहिं
२५९७
, सब्वजीवाणं " संसरंतेण
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