Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 391
________________ ३३८ 'पइण्णयसुत्ताई भाग १-२'गंथाणं गाहाणं अणुक्कमो गाहा गाकंहो । गाहा गाईको वारुणिवरजलहिपहू पृ० २७२ टि०१ विच्चू-कोलिय-मसगा 377 वाल-ऽग्गि-वग्घमादीहिं 1830 विच्छुय-कोलियमाइसु 2109 वावी-पुक्खरणीओ ३५६९ विजए य वेजयंते २२५० वाससए वाससए विजओ पंचंगुलिओ ७१५ वाससएहिं वियाणह ४०६२ विजयनिमित्तं जोयस 2130 वाससते वाससते ३२२७ विजयं च वेजयंतं १८४ वाससयसहस्सं पुण ३२०६ विजया ण वेजयंती २२३१ वाससयसहस्साणं ४०६० विजय निमित्त-जोइस 438 * वाससयं जीवंतो वीर्स जुगाई जीवइ ३८८ विजं परिभवमाणो ४९७,५०७ वाससयं परमाउं ४१२ , सिक्खह विजं वाससयाउयमेयं ३२५ विजा जहा पिसायं २७२१, 1407 वाससयाउस्सेए विजाण य परिवेढी ४५३८ वाससहस्सं पलिओवर्म ,,, परिहाणी पुप्फ ४४५८ वार्स कोडीसहियं...। गिरि 1930 "" , रोहिणि- ४४६० ", ... पाओव 1089 विजाणं धारणं कुजा " , ...। लेहित्तु 12 विजा मणुसरियव्वा ४९६ वासंति अमयमेहा ४५४३ विजा-मंतोपदेसेहि २०६४ वासाण सहस्सेण य ४४०३ विजा वि भत्तिमंतस्स २७११, 1396 वासाणं च दहाणं २२८९ ___,,, होइ विलिया ४९८ वासारत्तम्मि तवं २४०५ विजयकुमारीणं २२७३ वासा वासधराणि य ३३२४ विजोपयारविण्णाता १७०२ वाहिक्खयाय दुक्खं वा २०२० विजोसहिणिवाणेसु १६७५ वाहिग्यथो पुरिसो ३११२ विज्झइ राहा वि फुडं 2496 वाहि-जर-मरणमयरो २६५५ विठ्ठापुण्णो भिण्णो 1546 विउलं रजं रोगेहिं 598 विणएण विप्पहीणस्स 1026 विकीतं तेसि सुकडं तु २०५६ , सिक्खियाणं ५०१ विक्कमनिवकालाओ 1919 विणए वेयावच्चे ८७७ विक्खंभपरिक्खेवो २१४५ विणओ पुण पंचविहो 1020 विक्खंभ वग्ग दसगुण ३३३२ , मोक्खद्दारं ५४२ विक्खंभवडणस्स उ ३३६७ विणओवयारउवहम्मियाइ ११ विक्खंभसीम भणिया ३२९१ विणओवयार माणस्स ८३२ . विक्खमेणंजणगा २१६० विणय-अहिंसाम्लो विक्खिन्नकेसरसहं ३६४४ विणयकरणा य ण मओ पृ० ८७ टि. विगईओ सन्वओयण 93 | विणयपणएहि सिढिलमविगहा-कसायचत्ता 256 विणयवई सा धन्ना 816 विग्गहगए य सिद्ध १२९३ विणयस्स गुणविसेसा...। आयरि- ५०९ विग्गहवती विव दया ४३८१ । " " ...| नाणस्स 266 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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