Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 387
________________ गाहा १३८ 'पहण्णयसुत्ताइं भाग १-२' गंथाणं गाहाणं अणुकमो गाईको गाहा गाहको मोत्तूण य ते पवरे ३७९६ रयणमओ पउमाए २२९७ मोहक्खए उ जुत्तस्स २०२२ रयण-मणि-फलिह-मणसिल- 360, 2052 मोहमलमणिन्वाणं रयणमुहा उ दहिमुहा २१७३ मोही मोहीण मज्झम्मि १८४८ रयणस्स अवरपासे २१४२ मोहेण मंदमइणा 1920 रयणाईपुढवीसु 2665 मोहोदई सयं जंतू मंद१८४७ रयणाणि सव्वरयणे ४६७३ मोहोदएण जीवो 1521 रयणामएहिं हत्य ३७१७ मोहोदये सयं जंतू मोहंतं १८४६ रयणियर-दिणयराण " " नक्खत्ताणं १३९ रयणीपमाणमेत्ता ४४९५ यश्च मित्रममित्रो वा 2694 रय-सेयाण ग्गहणं 998 यस्तपःस्वतिचारोऽभू2691 रविधुवरासी पुव्वं ३४३० यः प्रोक्तो दर्शनाचारो 2681 रवि-भोम-कोडदिवसे ७११ या कृता प्राणिनां हिंसा 2682 रवि-ससि-गह-नक्खत्ता १२९ ये मया स्थापिता दुःखे 2696 रसपीयलं व कडयं 1290 रसे जिब्भमुवादाय रह गावि सिला सत्थो ४४४० रइ-अरइतरलजीहा२७४८, 1481 रहपहमेत्तं तु जलं ४४९९, ४५१४ रइओ जिण्णुद्धारो 342, 2021 रहमगंतो, अंतं २४८२ , परोवयारो - 348, 2026 रहस्से खलु भो! पावं २०४७ रक्खा भएसु सुतवो 697 रहु गङि, सेससंगह २४८१ रक्खाहि बंभचेरं...। निच्चं पि 1473 राईदिएण तीसं ४१० ,, , .... , जिणाहि २७४६ राईए जं भुत्तं असणं 2235 रणभूमिहया केई 446, 2138 "", जीहा 2781 रण्णे दवम्गिणा दड्डा राउम्गथीनरबहु (१) 2180 रण्णो य अस्थजायं ४२१४ राग-दोसनियत्तो १२६४ रत्तिं अतिंति अयणम्मि ३४६२ राग-द्दोसपसत्तो १३६२ , च पयइविहसिय११६९ राग-द्दोसामिहया ८००, 1262 रत्तीए भुंजियं जंच 2749 राग-द्दोसारीणं २५२८ रत्तुक्कडा य इत्थी ३२६ राग-द्दोसो य कओ 2119 रमणिजहरय-तरुवर १२०५ रागरहियं अकंपम- (प्रक्षिप्ता गाथा)पृ० ६९ रमणीण दंसणं घेव २७६०,1506 रागस्स य दोसस्सय १३६४ रमणीयदसणाओ २७५८,1504 रागमिगदीविएणं 2782 रमिउं सुररमणीओ 1704 रागं बंधं पओसं च १४४५, २८३५ रम्मं मंतं जिणिदाणं २०९९ रागाइवेरिनिकिंतणेण २४८६ रयणप्पभापुढवीनिकुड रागाउरेण धणियं 2768 रयणप्पहा य रयणा २१९५ । रागेण गंगदत्तो २७७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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