Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 381
________________ ३२८ 'पदण्णयसुत्ताई भाग १-२' गंथाणं गाहाणं अणुक्कमो गाहा बे आदिच्चा मासा बेइंदिय-तेइंदियबेइंदियाण मज्झे बे चउपण्णा छ च्चेव बे चंदा इह दीवे , चेव धण्णमासा , जोयणाणि सूरस्स , णालिया मुहुत्तो बेंटुट्ठाई(१) सुरभि गाईको । गाहा गाहको ३४१२ ,, घितिवेलापरिगयस्स ४२३२ 2658 , समत्तभद्दस्स 1009 415, 2107 , सव्वजगुजोयगस्स ४७९९ ३३१६, ३५११ ,, सीलपडागूसियस्स ४३९० ३२६७ " सुबहुसुयाणं ३१५९ भद्दाईण तवाणं 343, 2022 ३३४७ भद्दा य सुभद्दा या २२७९ ३१७२ भद्रश्चैव सुभद्रश्च पृ० २७२ टि० १ ३९६७ भयवं! अणुग्गहोणे 139, 1162 ,, केहिं लिंगेहिं २८९२ भयवं गयसुकुमालो 795 2239 ,, भवजलहीए 220 ३५०० भरधं तध हेमवतं ३३२२ ४२४४ भरहम्मि पढमराया १२२२ भरहाइ दस वि खेत्ता ३५८४ 1063 भरहे अणंतइजिणो...। एग ३८६८ 1694 " " ...| रेवइ- ४०८३ २९११ ,, अरिट्ठनेमी...। एग ३८७६ ६००, ४७५८ " , ...। दस वि जिणा ४०८८ ७६४ " " ...।,,, दस- ४०९७ २३८१ अवरविदेहे 2426 ४३५८ " य दीदंते 1249 , ,वड्डमाणो...। छट्टेण ४१०१ 1372 " " " ...। दस वि दस- ४०९८ 986 " " " ...।, ,, य साती- ४०९४ २६४९ ""वासुपुजो...। दस ४०८० 2381 " " " ...। सय ३८६६ ३८०० ,,, संभवजिणो...। अभि ३८९१ २६९३ ३८५७ 1128 " " " ...। मिग ४०७७ 1024 " , सीयलजि गो...। दस ४०७४ 1277 " " ...। पुव्वा ..-1 उपा ३८६४ पृ० ८६ टि. ...। भरहे ३८९३ 295, 1974 ", सुपासजिणो...। एग ३८६१ 1079 ,, , , ...। दस ४०७२ भरहेरवतप्पमिति ३३२५ 829 भरहेरवयजिणिंदा ३७६२ भइणीसु जो ममत्तो भग अज अजम पूसो भगवं! कह पुब्बातो(?) भगवं पि वइरसामी भगिणीइ वि हम्मितियाइ भजिययं पिव जंभजिओ भट्ठायारो सूरी भट्टेण चरित्ताओ भणइ य-तिविहा भणिया भण केरिसस्स भणिओ भणिदो दसाण छेदो भणियं गणसंकमणं " ममत्तछेयं भत्तपरिणामरणं भणियं भत्तपरिनामरणं दुविहं भत्तं व सउणयाणं भत्ति-बहुमाण-विणएण भत्तिं च कुणसु तिव्वं भत्ती जिणेसु, मित्ती , तवाहिएसुं भत्तेण व पाणेण व भत्ते पच्चक्खाए भत्था-भत्थी-सिंगिणिभद्दय-पावयसद्दा भद्द सुभद्दा सुप्पभ भदं धिई-मईणं ४६६९ " " " ...1 मा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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