Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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गाहा
पाणिवह मुसावाए अदत्त पर
मेहुण
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मुसावायं पाणिव तह अलियं पाणिवहाऽलिय-चोरिय
पाणी य पाणिघातं च
पाय वयणे य पाणो विपाडिहेरं
पाण्ड (ण्ड ) रः पुष्पदन्तश्च पायमजीवाहारा
पायवमरणं एकं पायार-मार - गोडर
पायारो नायव्वो
पारद्धिएण पहओ
पारं कम्मस्स भवस्स
पारियका उस्सग्गो
पारिव्वायगभत्तो
पागरणो सही
पालिजसु गणमेयं
पालि मूलपणो
पाव तव वसणं
पावकम्मोदयं पप्प
पावघाते हतं दुक्खं
पावमूलमणिव्वाणं पावणी धमकी
पावसुयपसंगाणं
पावसाssसवदारं
पाव जे उपकुव्वंति
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ण कुजा, ण हणेज पाणे
परस्स कुतो
पावा वद्धमाणो
पावाओ विणिवत्ती
पावाणं कम्माणं
पावा पावायारा पावारिसलगत्तण
पावियपरमानंदा
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पढमं परिसि
गाईंको
२८१५
2550
1940
1943
2721
२०९१
पृ० ८७ टि०
२७३५, 1448 पृ० २७२ टि० १
1438
2403
293, 1972
२३०२
2357
२४९२
४२७७
११६२
४१६२
116
974
२७०१
२०८५
१७२९
१७२४
2213
2290
606
१७३८, २०८०
२०७४
१७३४
१८४०, २०७६
४१०७
पृ० ७४ टि०
१०२८, १५२९
४४१८
2301
२५४३
गाहा
पावेसि जेण सग्गे
पास जिण जीवकरिणा
पात्थाई पुण
पासत्थो पास
पासत्थोसन्नकुसीलपासरस अजदिष्णो
""
पुप्फचूला
पासंडा विय बण्डा (3)
पासा - जाल - हम्मिय
पासास्स उ पुन्वन्तरेण
पासाय- हट्ट खट्टा
पति कोइ
ताईं कोई
""
""
ताणि, पासे पिंगे अरुणे
""
पासेहिं जंसि गाढं
पासो य अग्गिदत्तो
भरवासे...। एग
" 29
"" 33 "
पासो व्व बंधिउं जे
...। दस
पित्तरस य सिंभस्स य
पियदसणे भासे
पियमा दम्मा पियपुत्ताssमिसवयणा
पियविप्पओगदुक्खं पियविरहे अप्पियसंगमे
पिसाय भूया जक्खा य पिसुणत्तणेण अहयं पिंडं उवहिं सिजं
सेजं
"" ""
पिंडीमेत्तो कत्थइ
पिंडो हि सिजाए पीइकरो वण्णकरो पीणत्थणनमियंगी पीती पणओ नेहो पीयं थणयच्छीरं पुक्खरणीण चउदिसिं
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३२३
गाईको
2673
838
227
1300
29
४००४
४०११
४२१५
३६०१
२३१३
290, 1969
1349
२६७७
98
पृ० १७९ गा० ५
852
३८८४
३८७७
४०८९
1514
३५३
२२८२
1329
836
860
1699
६७
३०९८
123, 1117
२९०४
2321
1306
४८३
1552
४५३५
९८६, ११४९, १४७७
२१६९
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