Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 317
________________ २६४ ___ 'पइण्णयसुत्ताई भाग १-२'गंथाणं गाहाणं अणुक्कमो " सम्म गाहा गाईको | गाहा गाहंको आयारजीयकप्पगुण1180 आराहणाफलमिणं 1898 आयारस्थो दोसे 1189 आराहणारिहेसुं 1901 आयारधराण णमो 2454 आराहणाविहिं पुण 983 आयारव माहारव 1185 आराहणासरूवं 934 आयारवं च उवधार(ण)वं च ८३५ आराहणोवउत्तो कालं २८७४ आयारं पंचविहं 1186 ५८६, १५७१, आयाराइगुणड्डाणं 2533 पृ० ८६ टि. आयाराईयाई 2634 आराहयं मुणिं जे 1824 आयास-किलेसाणं १३५३ आराहिऊण विहिणा 1897 आयाहिण पुवमुहो आराहिजइ गुरु-देवयं 604 आया हु महं नाणे २८३७ आराहेऊण तओ 2187 आरण्णओ वि मत्तो 1409 , विऊ उकोसा- १०६८, १५७८ * आरं दुगुणेण, पारं १६५४ " " जहन्न- १०७०, १५७९ आरंभेसु नियत्ता ३०२१ मजिसम- १०६९ " पसत्ता २९८७ अरियं णाणं साहू १७७३ आराहइत्तु धीरा 1896 आरुहि उमहं सुपुरिस! २६५७ आराहओ तह वि सो ८७१ आरुहियचरित्तभरो आराहणकामेणं 583 आरूढो रायरह १८६२ आराहणपच्चइयं...। काउस्सग्गो 1362 आरोग्गमविग्धं खेमियं , तो उस्सग्गो २६८३ आरोवियवयभारो...। खामेज्ज 2564 आराहणमुक्कोसे 2182 " ...। चउगइ 234 आराहणलाभाओ २६९१ आलइयमालमउडो आराहणं करितो 103 आलस्सं तु परिणाए १६५२ " चइज्जा 1223 आलस्सेणावि जे केइ है जहन्नं 917 आलोइऊण गुरुणो 1296 आराहणाइ खेम 1242 आलोइयनियसल्ला पञ्चक्खाणेसु धणिय- ४२०८ आराहणा उ एसा पृ०८७ टि० निच्च- ४२०५ आराहणाए खेमं २६७५ समणीओ ४२११ " जुत्तो 2529 आलोइयनियसल्लो २८१९ " दारे आलोइयम्मि खमएण 1315 आराहणापडागं 931 , मरणं 2405 आराहणापडागागहणे २७१९, 1404 आलोइयं असेसं 1278 आराहणापडागा गहिया 819 आलोएजा य संविग्गो 171, 2536 आराहणापवन 930 आलोएसु य निचं 1902 आराहणापवहणं 147 __, विहीए 1254 आराहणापसत्थम्मि 1918 आलोएहि य सुपुरिस! 2655 आराहणापुरस्सर२७१५, 1400 । आलोयण गुण-दोसा 1250 ६६९ 3 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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