Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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गाहा
२४४
२८२ 'पइण्णयसुत्ताई भाग १-२'गंथाणं गाहाणं अणुक्कमो गाहा गाईको
गाहंको केइत्थ साहुवग्गा
४२०६ कोडीहिं नवहिं भद्दिलपुरम्मि ४०४७ केइत्थऽसियविमाणा २४३ को तस्स दिज्जह तवो?
1292 केइ य हरियविमाणा
कोती कयसज्झातो
४२४३ केइ वि मज्झिमलेसा 1781 कोत्थुभमणी य दिव्वो
४१२७ केई उक्कस्साराहणाए
1778 को दुक्खं पावेज्जा? केई दंसण-चरणे 950 कोध-माणपरिणस्स
१६३८ केई फलगविलग्गा ४२१२ कोधं जो उ उदीरेइ
१६०० " हडीसु खित्ता 448,2140 कोधाई संजलणे
2507 के केणाऽऽहारंति व
कोधो बहुविधो लेवो
१६०२ केणं वइ चंदो १४२ को नाम भडो कुलजो
1663 * केऽयं लोए ? कतिविधे
को बालो ? किं मरणं
2318 केवइया व विमाणा
कोयव-पावारग-नवय
86 केवलनाणीपमुहे 492 कोरिंटधाउवण्णऽत्थ
२४६ केवलनाणुजोइय ३८९८ कोल्लयरम्मि पुरवरे
२४२१ केवलनाणुप्पत्ती ३०८७ कोवमूलं णियच्छंति
२००९ केवलनाणुवउत्ता २९६, ४७८७ कोवम्मि खमाए वि य
656 केवलिणो तिउण जिणे ३९७९ कोवीणे आभरणं
३५९९,४७०६ २५४७ कोवो अग्गी तमो मच्चू , मणपजव262 को सडण-पडण-विकिरण
४३६ केवलिमहिम दटुं ३०६२ कोसलयधम्मसीलो
1860 केवलिवयणं सर्च ४४२९ कोसंबीनयरीए
२४२८ केसुद्धरणं दुसहं 329, 2008 कोसानामं गणिया
४३१८ केसे परिचितंतो
कोसायारं जोणी केहि वि विराहणाभीरुएहिं
४२५८ को सि तुमं ? किनामो ? 767, 1657 कोइ पढमे पओसम्मि
कोसीकित व्वऽसी तिक्खो
२११७ " पुण पावकारी
कोह-मय-माय-लोभा
३८३ कोई परीसहेहिं 765 कोहस्स य माणस्स य
९३९ , पाओवगओ
1865 कोहं खमाइ, माणं....... निजिण ९३८, 17 , रहस्सभेए
1234 " , , ....... संलिहइ 1092 कोउगसयाई विहिणा ३७९० " माणं मायं
१००७, १५०८ कोउय भूईकम्मे
717 कोहाइकसाया खलु
११२३ * को कं ठावेइ १ णऽण्णत्थ सगाइ १६९३ कोहाइणो य सव्वे
663 को केण समं जायइ ? १३३७ कोहाईण विवागं
२७९०, 1625 कोडाकोडीकालो ४७०१ कोहानलसंजलिओ
2784 कोडिसएहिं नवेहि ४०४५ कोहाविद्धा ण याणति
२००८ कोडीओ पंच भवे
151 कोहेण अप्पं डहती परं च
2006 कोडी चूडयलाओ
375 , नंदमाई...।... निहण- 1627
" परमोही
३२२
३४९
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