Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 364
________________ ". बहुसो 14 "" , निच्चं पढमं परिसिटुं ३११ गाहा गाहंको । गाहा गाईको देवकुरु उत्तरकुरा २१८८ देसिकदेसविरओ २८१३ देवत्तणम्मि देवा तिरिया 2260 देसूणगं च वरिस ३८१८ " , मणुया . २५८३ देसे देसे य सुहा ३५७३ २५८४, 2364 , सव्वे अणसण 1069 देवत्त माणुसत्तं ६५० देसेसु जो पमत्तो 2244 देवत्ते मणुयत्ते २४४५ देहतिगकम्मसेसे 1877 , माणुस्से ११३२ देहपडिबद्धयाए 1644 देवाण माणुसाण य देहम्मि असंलिहिए देवाणं देवीणं 2244 , जो ममत्तो 2242 , पिय मझे 2732 देहस्स बीयनिष्फत्ति 1523 देवा देवीहिं समं ३०३१ , सुक्क-सोणिय 1524 , न देंति दरिसणं ४४५२ देहं असुइ दुगंध 2589 , वि देवलोए निग्गं ५२२ ." असुइसगभं 2370 ५२१ देहेण कुणह धम्म...।उस्स 2385 ,, , भुंजंता २३७७, ३६९८ " कुणह धम्म...। फगुण- 2383 देविय-माणुसभोए 1617 देहो जीवस्स आवासो 2585 देविंद-चक्कवट्टित्तणाई...। एयाई ,, पिपीलियाहिं ११७९ " - " ...। पत्ता १००१, देंति फलं विजाओ १५०२ दो अच्छिअहियाई ४५३ 1890 ,, अणगारा धिजायाइ १२४३ , -राय-गहवइ 1472 , उदहिकुमारिंदा देविंदा दाणविंदा य...। पुण्ण- १८२२ , कोडिसहस्साई २१९६ २०९३ दोगाउयउन्विद्धा ३६०२, ४७०९ ,, समहिड्डीया १८२० दो चक्कि सुन्न तेरस ३९०३ देवीओ छेव इला ३६९८ , चंदा इह दीवे १५० देवीसुमंगलाए ३८२४ ,,दो सूग १०९ देवेहि पूइयगुणा ३०२४ दो चेव जंबुदीवे ४६,२३४६ देवेहिं इमं घुढे ३०६८ " , सयसहस्सा सत्तहिँ ११२ , कया महिमा ३०६४ "," सीसाणं आसि संभव-४०१५ ३१०५ "" " , होति पुप्फ- ४०२१ मेसिओ वि हु 1061 " ,, सुवण्णेसुं ३६२७ देवो गेहेण गए १२८५ दोण्णि व दिवड्डभोए 1805 देवोवणयपहाए ३६७६ ,, सया उ दहुत्तर ४०९९ देवो व समणसंघो ४२३४ ", वीसुत्तर ४१०२ देसविरयाणमविश्य977 दोण्हं आयरियाणं १०७९ देस खेत्तं तु जाणित्ता २८९७, पृ०८० टि. ,, पि रत्त-सुक्काणं ३४७ 1351 | दो तिन्नि व वसहीओ 1323 FFERREER NARY FEERIEEEEEEEEEEE " -चकवट्टी " " ,...| सब " नाडइज " भुच्चा कोई Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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