Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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गाहा
दगस्स वव
दस चेव जोयणसए
मंडलाई
"" ""
,,,, सहस्साइं अहेव
"" ""
नव
"
" " सहस्सा खलु
दसदोस विप्मुकं
दस इमंजलिमारोविऊण
दस बावीसाईं अहे
मुहुत्ते स
33
,, वास सहन्साई जहन्न
"" ,"
ठिई दस वि जिनिंदा समयं
दस विहकप्पदुमे हिं दस विकिप्पे वा
दहिधग्मं सम्मं
दस विपायच्छिते
दस विवेयावच्चम्मि दसवेतालिय अत्थस्स
दसवेतालियधारी
दस सागरोवमाणं
दस सुष्ण पंच केसव
दससु वि कुरूण सरिसं
खेत्ते से वं
वासेसेचो
वासे सेव
वासेसेस
"3
33
दंड कसा लट्ठमयाणि
" "
33 33
" "
दंड-मुंडण ताडणदंडोति विस्सुयजसो
विय अणगारो
दंतमळ-कण्णगूहगदंतमुसले हणणं
दंतवियणाए कत्थइ
33
दंताणि इंद्रियाणि य दंता वि अकज्जकरा दतिंदियरस वीरस्स
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पढमं परिसि
गाईंको
३६७
२१९९
३३४४
३१८५
३१८४
२२३९
९८१, १४७२
162
२१२८
३४०४
२२७
७९
३८३३
३०५७
1187
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2313
५२९
४३९५
४३७५
३२२९
३९०४
३५६७
४४८५
३९००
३९४६, ४४२८, ४५७९
४५०५
864
863
२४११
१२१५
४३५
४४८
2330
1083
४५०
२०२६
गाहा
दंसणआयरेसुं
यार कुण दंसण-गाण-चरिते आराहेउं
-नाणचरित्तरस
""
दंसण नाण चरितं
दंसण-नाण-चरिते काऊणा
तवे
""
""
33
दंसणभट्ठो भट्ठो दंसण
हु
""
पव्वज्जा
सम्मत्ते
33
दयारविसोही दंसणविमलपयावो दंसणसोही थिरकरण
दाऊण ण दिण्णं चिय
दाडिमपुष्फागारा
दा-माणो यारे हिं
दाणं निस्संग तवो
दाणेण होइ भोगी
दामी हरिवारण
दामणि तध मुक्तावलि
दारपमाणा चउरो
दारवमाणस रिसो
दारिद्द- दुक्ख-वेयण
दारुण दुह जलयर नियर
दालिमपुप्फागारा दासं व मणं अवसं
दाहिणकुच्छी पुरिसस्स दिक्खं मइलेमाणा
दिक्खाभिहो चलिओ
दिवंत हेउजुत्तं
दिट्ठा मिच्छद्दिकी
दियमहिय दियभुतं
दिवस तिही नक्खत्ता दिवसाओ तिही बलिया
दिवसादिय अहोरता दिवसिय-रातिय पक्खिय
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३०९
गाईको
2546
३०१५
2406
३९४०
1734
1265
१०६७, १५७७
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2735
२७०५, 1390
२७०४, 1389
२५१८
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३९८
१८२५
1433
३१२३
२२८४
३२७६
२३०८
२३११
१४०२
२६६३
३१५३
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