Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 336
________________ २८३ गाहको " , मित्ती मे १९५४ पढमं परिसिटुं गाहा गाहको गाहा " " ....... मायाइ २७९२ खामेइ सध्वसंघ " परवहं पुण 1616 खामेमि अहं मित्ते " व माणेण व 2764 ,, सस्वजीवे आसवे ,,, लोभेण व 602 कोहो माणो माया 651 " सव्वजीवेसु कोंडलवरस्स मज्झे २१९७ , सव्वे जीवे क्रोधो मानो माया 2689 खामेयन्वो खमओ खामेहि सबजीवे खिजंते पावकम्माणि खइएण व पीएण व १५०१, पृ० ८५ टि. खित्तगुलवाडवाडी तह खइणं पमाणं वत्तं च " लाढा खगतुंडभिन्नदेहो १२५९ खीणमइनाणवरणाइए हिं खजूरिपत्तमुंजेण २९५९ खीणेसु जाण खेमं खट्टिग-मच्छिय-वागुरि 435, 2127 खीरदगुच्छरसेसु खणयोवमुहुत्तमंतरं १९०७ खीर दहि सप्पि तेल्लं खमओ किलामियंगो 1218 खीरासव महुरावस खमगत्तणनिम्मंसो १२६५ खीरे दूसिं जधा पप्प खमगस्स घरदुवारं 1338 खुड्डगमहिसेण तहा खमगं वेयावच्चं 2209 खुड्डा य खुड्डियाओ खमणमसज्झार्य वा 1815 खुड्डे थेरे सेहे खमणेण सावरण व 730 खुड्डो बुडो तहा सेहो खरकम्माइं सव्वाणि खुहा पिवासा सी उण्हं खरखारमूलदड्डो 2322 खुहियं परीसहुम्मीहिं खर-घोडाइट्ठाणे ३००८ खेडाणि कब्बडाणि य खर-परुस-कक्कसाए ३९३७ खेत्तद्धयविच्छिना खर-परुसधूलिपउरा ४४७० खेत्तसमयवित्थिन्ना खलियस्स अंगभंगो 683 खेमंकरी य सुहया खलियस्स य तेसि पुणो २५२० खेलपडियमप्पाणं खवग! तए किं न सुया? 815 खोभेइ पत्थरो जह खवगस्स निच्छयं जाणिऊण 516 खवयस्स इच्छसंपायणेण खंडण-मुंडण-ताडण 1698 गइविन्भमाइएहिं खंडसिलोगेहि जवो २७२६,1418 गच्छइ सविलासगई खंडियसिणेहदामा २५५१ गच्छति कम्मेहिं सेऽणुबद्धे खंती य मद्दवऽजव ४७४८ गच्छायारं सुणित्ताणं खंते दंते गुत्ते २९३६ गच्छो महाणुभावो खामित्तु सयणवगं 156 | गज्जरि कुमारि थोहरि २४४० 2257 १४४७ 2264 2757 १४१८ 1361 2656 १६७४ 287 1966 247 ६३४ १५०३ 1075 २५४९ १६०४ 839 1171 1167 २९८९ 202 671 1222 पृ० ८४ टि. २८१ ४७७३ 2518 २९५२ 1557 60 ३००४ २९९७ १५९१ ३०२० २९३४ 367 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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