Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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गाहा
ण सुज्झति सोमो
"3
जत्थत्थी जे समारंभा
जत्थ न जरा, न मच्चू
मरणं
33 33 "" "
" पियपुत्तस्स वि
मुणीण कसाए
य अजाकप्पं
23 22
अजालद्धं ,,,, अजाहि समं
उवस्सयाओ
"
""
" "
,,,, एगा खुड्डी
समणी
35 33 33
" "
33 33
गित्थभासाहि
गोयम ! पंचण्ड
जेठ - कणिट्ठो
" "
जत्थ य थेरी तरुणी
" "
33 23
39 39
"
"
""
23
"
"
एगो सिद्धो
गच्छे गोयम !
33
""
""
22
""
नत्थि तपाईं बाहिरपाणिय
मुणिक विका
वारडियाणं
सन्निहि-उक्खड
33
" समणीणमसंखडाई
,, सूल विसूइय
समुद्दे काले
हिरण्ण-सुवणं
- सुवण्णे जत्थिच्छसि विक्खंभं अंजण
"
""
""
""
मंदरजत्थित्थी करपरिसं अंतरियं
लिंगी
"
जत्थुत्तर-पडिउत्तरजत्थेव मासकप्पं
जद चंदा ततिगुणितो जध अभिजिस्स कलाए जधा कवीता य कविजला य
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पढमं परिसि
गाहंको
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२०६९
गाहा
33
नन्नाम समुद्दे
जन्नामा देवीओ... । ईसाण
...। सक्कस्स
""
35
जम्म- जर मरणकोसो
रुपकुलुभूतो
-मरणघण
" "
जम्म- जरामरणजलो
,, -,, मरणभए जम्मं जरा य मच्चू य जमि वसीकयमेत्ते
"
से देवी
जम्मlare सूरे जम्हा अम्हं नगरे
जम्हाSSहारेण विणा
जय जय दुलह मिणं
33
जय सिद्धत्थनरिंद
जयजंतुबंधुभू
जय वीयराय ! केवलि !
जर मरणविपक जलजत्ताईमहया
""
ससिपायनिम्मल
जलजन्ताए पवहण जलणो व्व होज सीओ
33
जल-थल पंचवन्निय
जलदो मुहसमाणो
जलमज्झे ओगाढा
जलय जीवे खामेमि
जलयर - थलयर - खहयर उर... ।
"
" "
""
""
जलही वि गोपयं पिव लिओ तत्तकवल्लीहिं
- खयरगएण
जल्ल-मलदिद्धदेहो
- मलपंकधारी
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साग
२९१
गाहंको
२११३
४७
३७१८
पृ० ८५ टि०
... अहुणा 379, 2071 33.0.1
२४२९ 380, 2072
.. मणुया 189
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