Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
View full book text
________________
242
क
पढमं परिसिटुं गाहको | गाहा
गाहंको ,, उवएसो खलु पृ०८७ टि० ओसप्पिणीइमीसे जिणंतर
४०३७ " चउविहसंघो 481, 2032
तइयाए...। चइऊण ३६३३ , चउसरणाई
२६३९
" चत्तारि...भरहे। ४४१४ , णाणायारो 2203
...संघस्स " तारापिंडो
१२७ प्रवीतिकंताए
४५१७ ,, तु असंखेजो ३२३६ ओसप्पिणी उ एसा
४५०३ निग्विणमणसो ३०९९ ओसप्पिणीपमाणं
३५५१ पण्णवणिजो
३२१८ ओसप्पिणी य उस्सप्पिणी य दोनि । ३५५६ ,, परमो मंतो
908
" " " " भरहे ३५५० " बलाऽबलविही ७४९ | ओसरणमाकमिंता
२५३३ , य चंदपव्वे
३५३८ । ओसरिय समोसरणे "" ठितिविरहिओ ३५६६ ओसहि-बल-विरिय-परक्कमा
३६०७ , मंगलाणं 2649 ओहिन्नाणे विसओ
२४० , वि ठिइविसेसो
ओहि विसओवउत्ता
३७३१ , सवियारकओ १०७३ ओहेण न बूढाओ
1520 , सव्वसमासो तह पत्तह
124 " " , पेच्छह
1155 ,, (१ एवं) सुहपरिणामो
२६०१ * करणं भंते! माउअंगा...। कहणं , सो परमत्थो 670 भते! पिउभंगा पण्णत्ता
३३६ एतं महिड्डियं पणिवयंति ३९८६ कइया णु तं सुमरणं
९९५, १४९० " " धुवं मरणं
पृ० ८६ टि० कच्छु-जर-सास-सोसा
1677 ओगाहणाइ सिद्धा २९२ कजणिन्वत्तिपाओग्गं
२०३७ ओगाहणा तु तेसिं
३२२६ कडजोगी कालन्न ओगाहित्ताणमहे
२३०० कडुयम्मि अणिन्वलियम्मि ओगाहणं विक्खंभ ३३२७ कडुयं पि कहव भणिया
1159 ओजम्मि तु गुणकारे ३४९३ कणगत्तयरत्तामा
१९३ ओमो समरायणिओ
133 कणग-मणि-रयणथूभियओयंसी तेयंसी 1209 कणगावलि-मुत्तावलि
१२०३ ओया बलिया दिवसा
६६६ कणगा-ऽसणि-विज्जुक्का 363,2055 ओलंबयरज्जूओ २१३ कणगे कंचणगे तवण
२२४४ ओसन्नो वि विहारे २९१७ कण्णे कीलं छोरण
1122 ओसप्पिणि छन्भेया ४७३० कण्णेसु कण्णगूहो
1545 ओस(? उस्स)प्पिणि तह अवसप्पिणीसु 2425 कण्हा उ जयंति(तऽ)जिए
४६८९ ओसप्पिणीइमाए जो हो४५१८ कण्हाहि-गोरसप्पा
387 ओसप्पिणीइमीए तइयाए...।
कतरे धम्मे पण्णते?
१८६० पलिओवम३६११ । कतो छेत्तं ? कतो बीयं ?
१९४१
ओ
31 1385
८०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427