Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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" तु परिकम्म " पभावेणं
८१५
544
२७४ 'पइण्णयसुत्ताई भाग १-२'गंथाणं गाहाणं अणुक्कमो गाहा गाईको । गाहा
गाईको एमाइ बहुसगं जो
1289 " सगडसरीरं
४८८ एमाई अनं पिय 349, 2027 सयं कयं मे
१०५५ एमेव सेसयाई
2563 "सव्वुवएस
२८७० एयमणंतं दुक्खं 1713 एयंसि निमित्तम्मी
१५५३ एयम्मि अइक्कते ४४६८ एयं सोउ सरीरस्स
४८७ एयस्स चंदजोगो १०१ , होइ पवित्र
2491 ३१७१ एयाई विमाणाई
१७४ 1752, 2590 एयाउ पंच वज्जिय " पुथ्वसुयसायरस ४३४८ एया एगुणवीसं
510 * एयस्स वि याई आउसो ! अणुपुव्वेणं एयाए भावणाए
८१६ अट्ठारस ४२० एयाओ जणणीणं
३७०५ एयस्सि पडिवक्खो
४७३५ , दक्खिणेणं
२२५६ एयं अब्भुरुहुल्लं
1495 पच्छिमदिसा
२२५८ , आराउं
2492 पवणेणं
३६८६ , इंगिणिमरणं
1853 पंच वजिय
1056 ,, किर सागारं 2579 , भावणाओ भावित्ता
721 " , सम्म
751 किसिं कसिचाणं
, स्यगनगे
३६९५ , खु जरा-मरणं
४१८ , विसेसेणं
722 , चिय से परमं
2739 एयाणि य अण्णाणि य णाऊण तुम
2409 एया दिसाकुमारी
२२६० ,णियट्टिठाणं 2504 " पुरथिमेणं
२२५४ , तं नाणवरं ३१३२ एयारिसस्स मूले
1320 , तित्थोगालि ४७३१ एयारिसे सरीरे
३५५ , दुहसयजलहर 2494 एयारिसो नगवरो
३०५९ धणुप्पमाणं ३२२३ एया सत्त जणीओ
४२९६ "नाऊण तवं 698 एयाहिं भावणाहिं
1055 , निरुद्धतरयं 1832 एरावते वि एवं
४५६९ , पञ्चक्खाणं अणुपालेऊण १०७२, १५८२ एरावयम्मि सत्तेव
४५४८ " " आउरजण- १०५०, १५५२ एरिसगुणजुत्ताणं
४७६ " " जो काही २८८२ एरिसयदोसपुण्णे
१३६१ " , सवियारं
1825 एरिसयाण सगासे "पंडियमरणं
७७३ एल-तय-नागकेसर
२६८., 101, 1358 ,, पाओवगमं इंगिणि १२८७ एवइयं तारगं
१२८ " , निप्पडिकम्म १२९५ एव नरत्ते पत्ते
460, 2152 "पुणब्बसुस्स तु ३४७७ एवपरज्झो असई
१०९५ मे सामत्थं ४३३३ । एव परिवड्डमाणे तेसिं
४५३७
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