Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 321
________________ २६८ गाहा इह य परक्त य तवसा इहरा परमगुरूणं इहलोइयं च किति इहलोए आयासं च्चि कोवो परलोए अनि नाण निरा "3 "" "3 " 13 33 लोगम्मितिदंडी होगाssसंसा इहलोगे वि महलं sa कत्ति पाउणति कित्ति पि 'पइण्णयसुत्ताई भाग १ - २' गंथाणं गाहाणं अणुकमो गाईंको 694 130 इंगालमुम्मुरसमा इंदग्गी मितो विय इंद भुयापच्चयं इंदविलयाहिं तिलयरयण इंदाणीतं कुजा इं दिए हिं सुदंते हिं इंदिय कसाय - उवहीण इंदिय कसाय- गारवइंदिय-काय पणिही इंदिय कसायविजयं इंदियपडिiचारो इंदियमयं सरीरं इंदिय - विसय कसाया इंदिय विसय सत्ता इंदि सुहसा उलओ इंदियाणि कसा य साणकपवण Jain Education International ईसा देवरन्नो ईसाणा दिसा ईसालु भज्जाओ ईसा विसाय- परिभव ५२० ९४९ 654 ११०४ ११०६ १०९१, 45 902 724 1494 १९५३ १९५१ ४४९२ ३२८६ ४२३३ ४ २११५ १९२२ 1047 203, 2553 1023 570 79 1599 1745 २७८०, 1629 ६१३, ९१५, १०३२, १५३३ 28 १७० २२२५ ४६२७ 680 871 गाहा ईसा विसाय-मय मोह ईसीप भाराए उवरिं... लोगंतो । ,,...जो कोसो । "2 "" "" 39 39 उकडुंतंजधा तो उक्करसएण कम्मा उडिसीहनादं उक्किनंतर फलिहा उक्कूरिज्ज व सहसा उक्कोसगा उ एसा उकोसचरितो विय उको आराहण कोठा उको सिमाराहण उकोसेण गित्थो कोसो सज्झाओ " " "" उगुवीसा चउ छत्तीस उग्गपरीस हसणं उग्गम-उपायण - एसणाविसुद्धा इ एणाविद्धि एसा विसुद्वेण सणासु सोही "" उगुणडं पोडवता...... उत्तरा फग्गू ॥ फग्गुणीओ य 33 पु लोयग्ग सीयाए...। बारसहिं ११ ... । सिद्धाणो 33 33 ,, उग्गाणं भोगाणं उ उग्गा भोगा राइण्ण...। आरक्ख ...। उप्पण्णे For Private & Personal Use Only "3 5 33 घुम उच्चत्तेण सहस्सं अड्डाइज्जे " " "" उच्चं वा जति वा णीयं उच्चादीयं विकप्पं तु सहस्स गाहंको १३६० २८३ ४७७६ 2514 2623 ४७७० 1884 १६७२ 1867 ३९६९ ३४ 1199 13 ६०१, ९०१ 915 1775 1895 २८१० 590 ३३९४ ३४७९ ३३६० 328, 2007 1321 ९१० ९२६ 1183 ३९३६ ३८३० ४५५४ ४३०५ २१८४ २३४५ १८२६ १९०६ www.jainelibrary.org

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