Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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__42z११३ ३ ।।
707
७६९
684
पढमं परिसिटुं
२७१ गाईको | गाहा
गाईको उस्सप्पिणीइमीसे उद्यो ४७२९ , वियसियनयणे।
२० दूसम ,, सन्वे दोसा
1471 बितियाए
एएसिं कूडाणं
२१३४, २२०४ बीतिसमाए उ व- ४५६४ एएसिं तु दुहाणं
१४०३ ४५५० ""बयाणं
632 उस्सासा निस्सासा
" देवाण बलठस्सासो निस्सासो
३१५१ " , विसओ
२३३ उस्सुत्लो उम्मग्गो ओकप्पो
2308
एएसु गंगदत्तो " " य अक2202 , चेव ठाणेसु
११०१ " भत्तिजुत्ता , य अद्धाणं
६७६ असियमगरधयाणं ४१४१ , विमाणेसु उ
१८६ उसे य संसिया भद्दे २१३९ , विहिविहण्णू
८४१ एए सोलस मेए एक उत्पद्यते जन्तु
2700 ऋषभादीस्तीर्थकरान् 2707 एकट्ठीय विभत्ते
३५२५ एकत्तीस सहस्सा
२१७४ एकं च मंडलं मंडलस्स
३४८९ एअस्स पभावेणं २८०६ , ता मे पुच्छं
४२८९ एए अण्णे य तहिं...। खवगस्स
" भवं दहे वही
१९९९ " " " "...। तेण
एकुत्तरा य कोडी
३१०३ " अन्ने य बहू
५२४ एको नवरि न मुंचति
४२८३ " , वि मए 370, 2062 "हं नथि मे कोई
१४३८ " उ अहासूरा १२५५ एक्कत्तीस सहस्सा
२१८५ "" अहोरचा
३१६ एक्कत्तीसं च गुणे
2291
एक्कपलिओवमाऊ पृ० २७२ टि.१ , चेव य सरणं 2652 एक्कम्मि अहोर
३२५८ , जयम्मि सारा 2489 , उ निजवए
41 ,, जंबुद्दीवे
१४९ , वि जम्मि पए...। तं तस्स १५४३ एएणेव कमेणं[च] अंत
२२२१
" " " "...। वञ्चइ १०४३ " " वरुणस्स
२११७ " " " ,...। सो तेण ५८३, " " सोमस्स २११९
१०४४, १५४४ एए ते निज्जवया
१०८३
" , " पए संवेगं वच्चए ५८१ ,, दोसा गणिणो
1112
" , , , , वीयराय- ५८२ ,पंच वि गुरुणो ३०२५ एकं च सयसहस्सं छ च्चेव
३३६३ , बारस इंदा
१६६
"" " तिचीस , बावीस परीसहे 673 | "" " सतं
३३६२
67 54
" उकोसेणं
40
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