Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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२६७
गाईको
गाहा इय अभयसूरिरइयं ,, अभिहयमाईहिं , अवि मोहपउत्ता , उत्तमगंथवेयए " उवएसामयपाणएण " उवसमसंजुत्तो , एग दो य तिण्णि य " एत्य अईयारो " एव कुमारेहिं ,, कलिऊण सहरिस , किं बहुणा ? सुपुरिस,! , खवगवयणमाइनिऊण , खामिउं पयचो , खामिऊण संघ , खामिय सयणजणं , खामियाइयारो "गुण[गण]मूलगि , गुरुगयआसायण
चउगइपत्तेणं
चउविहमाहारं , चउविहसरणगओ , चउसरणगओ हं
चउसरणमणग्धं , चवणसमयभयविहुर, बइ समाहिमरणं , जीव ! तुम भण्णसि " , पमायमहारि, जे परमेट्ठीणं , जोईसरजिणवीर"सायंतो खवओ इय तहविहारिणो से , तेसि णमोकारो , देवेसु वि अभिमाण" नामावलिसंथुय! - " नायतस्सरूवो " नारयाण दुक्खं " निचकालतिचा
पढम परिसिटुं गाहको । गाहा
2604 इय नियसुचरियअणुमोयणेण 389, 2081 , पडिवण्णाऽणसणो ८२७
, पण्णविजमाणो १६५५ पत्तेयतरूणं २७९३, 1648 , पयविभागिय ओघियं 2173
,, परकयसुकयाण १४३५
" परमेसरपरमेहि2224 , पंचनमोकारो 458,2150 , पंचमठाणठिया
२६५६ ,, बत्तीस सहस्सा 2671 , बहुविहविग्याणं 221 , बालपंडियं होइ 1368 , बालपंडियाण 490
,, भो! चउत्थठाणं 479, 2030 , माणधणस्स महिड्ढियस्स
२४५६ , रिउभावमुवगओ 1571 इयरो वि य भगिणीओ दणं 514 " " , वीसज2666 इय वंदण-खामण-गरिह
556 , विसयवहरिवहवीरभद्द2653
" समभावमुवगओ २६१८ , सव्वकालतिचा 272
" सन्वमाणवाणं 1712 " साहुसरणचंदण
825 , सिद्धाणं सोखं 2388
" सुलसेणं भणिओ २५७८ " सुंदराई जिणवीरभद्द2624 इरियावहं पयत्तो
२८११ इरियासमिए सया जए 910, 1764 इलादेवी सुरादेवी
5458 इसिवालियस्स भई 2614 इह खविऊण असेस 875
, देहतिगं मोत्तुं २५१५ इह-परलोइयसद्दा
643 इह-परलोगाऽऽसंसा 356, 2048 इह-परलोयाईयं
४७९४ । इहभवियमनभवियं
350
2582 886, 1724 372, 2064
1309 312, 1991
2632 904,2598
2647 ४१४० 2670 २८२२ 2420 2640 1725 1269 ४२९९ ४३०८ २६८९ 1914 1767
३०४ 397, 2089
263 ३०२, ४७९२
2677 1916 2216
746 २२५७
2616 1883 727 723 २५०६ २५२५
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