Book Title: Painnay suttai Part 2
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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गाहको
62
52
२६२ 'पइण्णयसुत्ताई भाग १-२'गंथाणं गाहाणं अणुक्कमो. गाहा
गाहा
गाईको अहवा सग्गाओ च्चिय ३८०६ अहिंसा सव्वसत्ताणं
२०९२ अहवा समाहिहेउं करेह २४३९ अंकुरा खंधखंधीओ
१६७० " , कायन्वो ११०२ अंगाण उबंगाणं
305, 1984 " " सागारं २६८५, 1364 अंजणगपव्वयाण उ
२१६६ अह वासवा वि सब्वे ३७४० अंजणगपव्वयाणं
२१६३ अहवा सव्वं चिय वीयराय
२५७३
अंजणगुणसुविसुद्धं अहवा सुइपाणं से
अंजणस्स खयं दिस्स
१९०५ " सुवण्णमासा ४०१ अंडय-लोमय-चम्मय
2662 , होज विणासो
627 अंतमुहुत्ताऊया
393,2085 अह विष्णविंति साहू तं ४२७१ अंतेउरं अइगदो
४३२३ " " " सगच्छ
४३१४ अंतेण करकरण व
१२३१ अह वित्थरं न सकसि 2675 अंतो चउरसा खलु
३३ वोसिरियसरीरो 1268 अंतो बाहिं च तओ
1838 " सगणमागओ सो
1103 अंतो मणुस्सखेते सत्तट्ठपयाई ३७३२ अंतोमुहुत्तमित्र
580 सत्तमम्मि मासे 1530 अंतोमु(हु)त्तं डज्झइ
1594 सल्लुद्धरणत्यं
163 अंतो वा बाहिं वा सवतो समंता
४२१७ सावगो वि कोई 332, 2011 सुरकरिकरउवमाण४३१६ आइश्चपिडओ ऊ
६८. सो ईसाणवती ३७६४ आउग-उच्चत्ताई
४६८६ सो जिणभत्तिभरु२५२७ आउट्टिकाहि एकूणिकाहि
३३९२ सो दुक्कडगरिहा २५७० आउट्टियदप्पेणं
2765 सो धम्मायरिओ 111 आउट्टी हि तु एगणि
३३८९ सो निराणुकंपो २४३३ आउत्तं पत्तेणं महुर
411 सो पाओवगओ 1864 ". , सरोवरा
2103 सो वि चत्तदेहो २४२२ आउयकम्मं च पुणो
2512 , सो सामइयधरो २६७३ आउरपच्चक्खाणं
पृ०८८ टि. , सो सिइमारूढो 1051 आउरसल्ले मोसे
1312 ,, सो सोहम्मवती ३७६३ आउन्वेयसमती
७६२ , सोहम्मे कप्पे ३७२९ आउ-सरीरूसेहो
३५८५ अहस्ससच्चे अणुवीइभासए
747
* आउसो! इमम्मि सरीरए सह ४२१ अह हरिसिया कुलगरा
* आउसो! इमस्स जंतुस्स पणवीसं ૪૨૨ अह होज देसविरओ
२६६८
* " " , रुहिरस्स ४२३ अहिगरणाई जाई
२६२७
एवं जायस्स जंतुणो ३५६ अहियं होही सीतं
जंपि य इमं सरीरं ४१९ अहि वसु भगाऽभिवड्डी
३५०१ । * , तओ नवमे मासे ३४५
३३६७
*
*
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