Book Title: Painnay suttai Part 1
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

View full book text
Previous | Next

Page 561
________________ ४०४ पदण्णयसुत्तेसु ३५०१. अहि३८ वसु३९ भगा४०ऽभिवडी४१ हत्थ४२ऽस्स४३ विसाह४४ कत्तिया४५ जेट्टा४६ । सोमा४७ऽऽउ४८ रवी४९ समणो५० पिउ५१ वरुण५२ ___ भगा५३ऽभिवड्डी५४ य ॥ ३६५ ॥ ५ ३५०२. चित्ता५५ऽऽस५६ विसाह५७ऽग्गी५८ मूलो५९ अद्दा६० य विस्स६१ पुस्सो६२ य । एते जुगपुरिमड्डे बिसट्ठिपव्वेसु णक्खत्ता ॥ ३६६ ॥ ३५०३. सूरस्स वि णातव्वा सकेण अयणेण मंडलविभासा । अयणम्मि उ जदि दिवसा रूवधिए मंडले हवई ॥३६७॥ १० ३५०४. चउवीससयं कातण पमाणं पज्जए य पंच फलं । इच्छापव्वेहि गुणं कातूण य पज्जया लद्धा ॥ ३६८ ॥ ३५०५. अट्ठारसहिं सतेहिं तीसेहि तु सेसगम्मि गुणितम्मि । सत्तावीससतेसु उ बिचोदसूणे ये पोसम्मि ॥३६९॥ ३५०६. सत्तद्विबिसट्ठीणं सव्वग्गेणं ततोऽत्थं जं लद्धं । तं रिक्ख सूरस्स उ जत्थ समत्तं हवति पव्वं ॥३७०॥ ३५०७. चोदस दिवसा बावीस मुहुत्ता चुण्णिका य तेवीसं । एक्कत्तीसतिभागा पव्वीकयरिक्खधुवरासी ॥ ३७१ ॥ ३५०८. इच्छापव्वगुणातो धुवरासीतो उ सोधणं कुणसु । रविरिक्खकरणविधिणा पूसाँदीया जहाकमसो ॥ ३७२॥ २० ३५०९. चउवीसं च मुहत्ता अद्वेव य केवला अहोरता । पूसविलग्गं एतं, एत्तो वोच्छामि सेसाणं ॥३७३॥ १. °s ५८ जेटि० खंटि० ॥ २. पुम्वद्ध बि मु० म० सू० ॥ ३. णातम्वो जे० ख० मु. म. सू. ॥ १. लविभागो जे० ख० मु० म० सू० ॥ ५. उ जे दिव मु० म० ॥ ६. दिवसा तावतिए मंडले जे० ख०॥ ७. इच्छाइच्छापंचयं कातू जेटि० खंटि०॥ ८. तेसुं अट्ठावीसेसु पुस्सम्मि वि• मु०म० ॥ ९. य पुस्सम्मि सू०॥ १०. °त्य जं सेसं । पु० वि० मु०म०॥ ११.इच्छियपग्व मु०म०॥ १२. क्खवासिवि पु० वि०॥ १३. °साईणं जहा पु० वि. मु० म०॥ १४. च्छामि सोहणगं जेटि० खंटि०॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689