Book Title: Painnay suttai Part 1
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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२०. तित्थोगालीपन्नयं
[गा. ६१०-११. नवपडिवासुदेवनामाईं ] ४१५१. आसग्गीवे १ तारए २ मेरय ३ महुकेढवे ४ निसुंभे ५ य । बलि ६ य हिराए (हिरण्णे) ७ तह रावणे ८ य नवमे जरासिंधू ९ ॥ ६१० ॥
४१५२. एते खलु पडिसत्तू कित्तीपुरिसाण वासुदेवाणं । सव्वे य चक्कजोही सव्वे वि हया सचक्केहिं ॥ ६११ ॥
[गा. ६१२ - १८. वासुदेव - बलदेवविसया विविधा वत्तव्वया ] ४१५३. पंचं रहंते वंदंति केसवा पंच आणुपुव्वीए ।
सेस तिविट्ठादी धम्म पुरिससीहपरंता ।। ६१२ ॥ ४१५४. अर-मल्लिअंतरे दोन्नि केसवा पुरिसपुंडरिय-दत्ता |
सुव्वय- नमीण मज्झम्मि अट्ठमो, कण्ह नेमिम्मि ॥ ६१३ ॥ ४१५५. अनियाणकडा रामा, सव्वे वि य केसवा निदाणकडा । उड्ढंगामी रामा, केसव सव्वे अहोगामी ॥ ६१४ ॥ ४१५६. एक्को य सत्तमाए, पंच य छेट्ठीय, पंचमी एगो |
एगो य चउत्थीए, कण्हो पुण तचपुढवीए ॥ ६१५ ॥ ४१५७. अतकडा रामा, एगो पुण बंभलोयकप्पम्मि ।
उववन्नो तत्थ भोए भोत्तुं अयरोवमदसातो ॥ ६१६॥ ४१५८. तत्तो य चइत्ताणं इहेव ओस (उस्स) प्पिणी भरहम्मि | भवसिद्धिओ उ भयवं सिज्झिस्सइ कण्हतित्थम्मि ॥ ६१७ ॥ ४१५९. तइए घरम्मि एते तिविद्दुआदी य संठिया सव्वे ।
दुसमसुसमाए सेसे जं होही तं निसामेह ॥ ६१८॥
[गा. ६१९. नवखेत्तसमुन्भूयअपच्छिमजिणनिव्वाणसमओ ] ४१६०. अद्धनवमा य मासा तिण्णि य वासाई होंति सेसाई । दुसमसुसमाए तो नवसु वि खेत्तेसु सिद्धिगया ॥ ६१९ ॥
१. पंच भर° प्रतिपाठः ॥ २. छट्ठीह हं० ॥
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