Book Title: Painnay suttai Part 1
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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२०. तित्थोगालीपन्नयं
४०८६. मल्लिजिनिंदो भरहे, मरुदे विजिणो य एरवयवासे । रेवइजोगे दस 'वी सिद्धिगया पुव्रतमि ॥ ५४५ ॥ ४०८७. मुणिसुव्वओ य भरहे, एरवयम्मि य धरो जिणवरिंदो । सेवणेण दस जिनिंदा सिद्धिगया पुव्वरत्तम्मि ॥ ५४६ ॥ ४०८८. भरहे अरिट्ठनेमी, एरवए अग्गिसेणजिणचंदो |
दस वि जिणा चित्ताहिं सिद्धिगया पुव्वरत्तम्मि ॥ ५४७ ॥ ४०८९. पासो य भरहवासे, एरवए अग्गिदत्तजिणचंदो ।
दस वि विसाहाजोगे सिद्धिगया पुव्वरत्तम्मि ॥ ५४८ ॥ ४०९० एवमसीति जिनिंदा अट्ठमयट्ठाणनिवियकम्मा |
दससु वि खेत्तेसेए सिद्धिगया पुव्वरत्तम्मि ॥ ५४९॥ ४०९१. धम्मो य भरहवासे, उवसंतजिणो य एरवयवासे ।
दस वि जिणा पुस्सेणं सिद्धिगया अवररत्तम्मि ॥ ५५० ॥ ४०९२. अरजिणवरो य भरहे, अइपासजिणो य एरवयवासे ।
रेवजोगे दस वी सिद्धिगया अवररत्तम्मि ।। ५५१ ॥ ४०९३. नमिजिणचंदो भरहे, एरवए सामकोट्ठजिणचंदो |
अस्सिणिजोगे दस वी सिद्धिगया अवररत्तम्मि ॥ ५५२ ॥ ४०९४. भरहे य वडमाणो, एरवए वारिसेणजिण चंदो ।
दस वि यसातीजोगे सिद्धिगया अवररत्तम्मि ॥ ५५३ ॥ ४०९५. एते चत्तालीसं दससु वि वासेसु झीण संसारा ।
सव्वे ते केवल सिद्धिगया अवररत्तम्मि ॥ ५५४ ॥
[गा. ५५५ - ६१. दसखेत्तसमुब्भूयउस भाइजिणसिद्धिगमणसमये aaj aata ]
४०९६. उसभो य भरहवासे, बालचंदाणणो य एखए ।
दस वि निसज्जोवगया दससु वि खेत्तेसु सिद्धिगया ॥ ५५५ ॥
१. मी ला०विना ॥ २. समणेणं प्रतिपठः ॥ ३. 'इने में प्रतिपाठः ॥ ४. मी ला० विना ॥ ५. मी हं० की ० ॥
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