Book Title: Painnay suttai Part 1
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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२०. तित्थोगालीपन्नयं
४०६३. जाव य उसभजिनिंदो जा चेव य वडूमाण जिणचंदो | अह सागरोवमाणं कोडाकोडी भवे कालो ॥ ५२२ ॥ ४०६४. बायालीस सहस्सेहिं ऊणिया वच्छराण जाणाहि । एक्कं कोडाकोडं उदहिसमाणाण माणाणं ॥ ५२३ ॥ ४०६५. पुरिम - चरिमेसु अट्ठसु अव्वोच्छिन्नं जिणेसु तित्थं ति । मज्झिम य सत्सु वोच्छेओ एत्तियं कालं ॥ ५२४ ॥ ४०६६. चउभाग चउब्भागा तिण्णि चउब्भाग पलियमेगं च । तिन्नेव चउब्भागा चउत्थभागो चउब्भागो ॥ ५२५ ॥ ४०६७ एवं तु मए भणिया जिणंतरा जिणवरिंदचंदाणं । एतो परं तु वोच्छं सिद्धिगया जाए वेलाए । ५२६ ॥
[गा. ५२७ - ५४. दसखेत्तसमुन्भूय उस भाइ जिणाणं सिद्धिगमणनक्खत्ताइ ] ४०६८. उसभो य भरहवासे, बालचंदाणणो य एवए ।
दस वि य उत्तरसाढाहिं पूव्वसूरम्मि सिद्धिगया ॥ ५२७ ॥ ४०६९. अजिओ य भरहवासे, एरवयम्मी सुचंदजिणचंदो |
रोहिणिजोगे दस विय सिद्धिगया पुव्वसूरम्मि ॥ ५२८ ॥ ४०७०. अभिनंदणो य भरहे, एरवए नंदिसेणजिणचंदो |
दस वि पुणव्वसुजोगे सिद्धिगया पुव्वसूरम्मि ॥ ५२९ ॥ ४०७१. सुमती य भरहवासे, इसिदिण्णजिणो य एरवयवासे ।
दस विजिणा उ मघाहिं सिद्धिगया पुव्वसूरम्मि ॥ ५३० ॥ ४०७२. भरहे य सुपासजिणो, एरवए सामचंदजिणचंदो |
दस वि विसाहाजोगे सिद्धिगया पुव्वसूरम्मि ॥ ५३१ ॥ ४०७३. चंदप्पभो य भरहे, एरवए दीहसेणजिणचंदो |
दस वि अणुराहजोगे सिद्धिगया पुव्वसूरम्मि ॥ ५३२ ॥ ४०७४. भरहे य सीयलजिणो, एरवए सव्वई जिणवरिंदो । दस विदगदेवा सिद्धिगया पुव्वसुरभि ॥ ५३३ ॥
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