Book Title: Painnay suttai Part 1
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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२०. तित्थोगालीपइन्नयं ३९३६. उग्गाणं भोगाणं राइण्णाणं च खत्तियाणं च ।
चउहिं सहस्सेहिं उसभो, सेसा उ सहस्सपरिवारा ॥ ३९५॥
[गा. ३९६-९९. सेसनवखेत्तजिणपव्वजानिर्देसो] ३९३७. उदिओदियकुल-वंसा सव्वे वि य जिणवरा चउव्वीसं ।
धण-कणग-रयणनिचए अवइज्झिय ते उ पव्वइया ॥३९६॥ ३९३८. समणगणपवरगुरुणो भवियजणविबोहगा जिणवरिंदा।
पंचमहव्वयजुत्ता तव-चरणुवएसगा धीरा ॥३९७॥ ३९३९. सीहत्ता निक्खंता, सीहत्ता चेव विहरिया धीरा ।
सीहेहिं सीहसरिसं सीहललियविक्कम पत्ता ॥३९८॥ ३९४०. सण-नाण-चरित्तस्स देसगा चरणनिच्छयविहण्णू ।
नवसु वि वासेसेवं निक्खता खायकित्तिजिणा ॥३९९॥ [गा. ४००-२. चउव्वीसइजिणाणं निक्खमणतवा पढमभिक्खाओ य] ३९४१. सुमइत्थ निचभत्तेणं निग्गओ, वासुपुज्जो जिणो चउत्थेण ।
पासो मल्ली वि य अट्टमेण, सेसा उ छद्रेणं ॥४००॥ ३९४२. संवच्छरेण भिक्खा लद्धा उसमेण लोगनाहेण । ___१५
सेसेहि बीयदिवसे लद्धाओ पढमभिक्खाओ ॥४०१॥ ३९४३. उसमस्स पढमभिक्खा खोयरसो आसि लोगनाहस्स ।
सेसाणं परमन्नं अमयरसरसोवमं आसि ॥४०२॥ [गा. ४०३-५. उसभाइदसखेत्तजिणाणं केवलनाणसमयपरूवणाइ] ३९४४. मैल्ली पासुसभस्स य णाणं सेजंस वासुपुज्जस्स ।
पुव्वण्हे उप्पण्णं, सेसाणं मज्झिमण्हम्मि ॥४०३॥ ३९४५. चंदाणण मरुदेवे य, अग्गिदत्ते य जुत्तिसेणजिणे ।
सेज्जसे पुन्वण्हे, सेसाणं पच्छिमण्हम्मि ॥४०४॥
१. भवउझिय हं० की० ॥ २. " तेवीसाए नाणं उप्पण्णं जिणवराण पुन्वण्हे । वीरस्स पच्छिमण्हे पमाणपत्ताए चरिमाए ॥" इति आवश्यकनियुक्तौ, गा० २५३ ॥ ३. मम्मि ६० की० ॥
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