Book Title: Painnay suttai Part 1
Author(s): Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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४११..
२०. तित्थोगालीपइन्नयं ३५६१. सुसमसुसमाए कालो चत्तारि हवंति कोडिकोडीओ १।
तिन्नि सुसमाए कालो २ दो सूसमसमाए उ ३ ॥२०॥ ३५६२. एका कोडाकोडी बायालीसाए तह सहस्सेहिं ।
वासाण होइ ऊणा दूसमसुसमाए सो कालो ४ ॥२१॥ . ३५६३. अह दूसमाए कालो वाससहस्साई एकवीसं तु ५।
तावइओ चेव भवे कालो अइदूसमाए वि ६ ॥२२॥
[गा. २३-२५. अकम्मभूमि-कम्मभूमणिं चरित्तधम्मविरहस्स य कालमाणं] ३५६४. नवसागरोवमाणं कोडाकोडीओ होंति दुगुणाओ।
जा होइ(१६)कम्मभूमी भरहेरवएसु वासेसु ॥२३॥ ३५६५. तेवटिं च सहस्सा निययं वासाण होति नदुस्स ।
जा होइ कम्मभूमी भरहेरवएसु वासेसु ॥२४॥ ३५६६. एसो य ठितिविरहिओ कालो पुण होइ धम्मचरणस्स।
एत्तो परं तु वोच्छं छव्विहमणु माणओ कालं ॥२५॥
[गा. २६-५४. पढमसुसमसुसमाअरयभावाणं वित्थरओ परूवण] ३५६७. दससु वि कुरूण सरिसं भरहमिणं आसि सुसमसुसमाए।
नवरिमणट्ठियकालो एरवयांदीण वि तहेव ॥२६॥ ३५६८. एतेसिं खेत्ताणं मणि-कणगविभूसियाओ भूमीओ।
रयण-मणिपंचवण्णिय सोहंति हि भत्तिचित्ताओ ॥२७॥ ३५६९. वावी-पुक्खरणीओ देसे देसेऽत्थ दीहियाओ य ।
पेच्छणगसंकुलाओ सयणाऽऽसणमंडियत(स)हाओ ॥२८॥ ३५७०. महु-घय-इक्खुरसोदग-खीरासव-पवरवारुणिजलाओ।
काओ य पगइपाणियफलिहसरिच्छऽच्छभरियाओ॥२९॥
२०
१,यादीणि वि ला विना ॥ २. तिह भ सं० ॥ ३, कामओ इ प० सं० ॥
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