Book Title: Marathi - Tattvasara
Author(s): Changdev Vateshwar
Publisher: Prachya Granth Sangrahalay
View full book text
________________
॥ ॐ नमः कुंजरेश्वराय ॥
गणेशवंदन. म्यां नमिला गणेश्वरु, जो कल्मक्षवनकुठारु, सर्वशास्त्रविचारु, पूर्णदीप ॥ १ ॥ ___ जो सौजन्याचा अंकुरु, शब्दब्रह्मविद्येचा उच्चारु, उन्मेषाचा तरुवरु, कल्पवृक्षु जो ॥ २ ॥
जो आनंदें डुल्लत्तु, प्रबोधे नाचतु, तांडव अभिनवितु, शंभुपुत्रु जो ॥ ३ ॥
जो विघ्नविध्वंसनु, अविद्यातॄणदहनु, कुविद्याभरण हुताशनु, ज्ञानाज्ञी जो ॥ ४ ॥ __ जो सगुणगुमु सहजु, गिरिजे शंभुचा आत्मजु, तो नमिला मूषकध्वजु, एकदंतु ॥ ५ ॥
शारदावंदन. वाचा प्रदक्षिणा करुनु, गणेशातें नमुनु, आतां साष्टांगिं प्रणमुनु, शारदेतें ॥ ६ ॥
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112