Book Title: Marathi - Tattvasara
Author(s): Changdev Vateshwar
Publisher: Prachya Granth Sangrahalay
View full book text
________________
[३७]
श्रीमुक्तादेवी योगीनि, जे समस्त सिद्ध शिरोमणि, तिये प्रसादें चक्रपाणि, ज्ञानसिध्दु ॥ ६९ ॥
जळांघरु मेडुकि कंथडि, धुंधडी, कापड, विरूपाक्षु ॥ ७० ॥
सर्व सुसावेरी, नागार्जुन कणेरी, लुइलाला कुकरि, रत्नघोषु ॥ ७१ ॥
कान्हु कुदाळ, दारिपु कलालि, भुसकु कांबळ, कोरंटकु ॥ ७२ ॥
चर्पट कपीट कांसारि, चाटु भाटु कुंभार, कनखळु मिखळु चमारि, साति तांति ॥ ७३ ॥
घटामहिषु चोखली, सर्व भक्षकु सिद्ध वरली, काश्यपु चिहाळी, घटु मनाक्षु ॥ ७४ ॥
पंकज दुखंडि, लिचका परखंडि, जळांघरु कवडि, निर्गुण भंगी ॥ ७५ ॥
कुमुदु गुडरी, वोडिका कावेरी, पाहाणु सागरी, अजपा बोधि ॥ ७६ ॥
अवधुतु गुंड मराउळ शबरी, मनु अजगीरि, जिराबाई खेचरी, देमादेवी ॥ ७७ ॥
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com

Page Navigation
1 ... 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112