Book Title: Marathi - Tattvasara
Author(s): Changdev Vateshwar
Publisher: Prachya Granth Sangrahalay

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Page 72
________________ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com • कासमु समुद्रमिसळ को नया मीनल जियकीय आयएमोहिम चाहुतमनाआ विघनदाटर वितया सुखान गेलपणराहिलीवि लाभहाि माटी बोलिली रजादा 214 सर्वतीर्थ यज्ञफलापाविजेलाहका 2 जाना रिवाद्वारा शिष्यव तमाम परिपक्व नवलपर य माठीपावली २२॥ है। वाकदरपत वांग अवधुत्र सिमानामा दनुवशङ्कुकि ॥ कवसवचारमातिथी गाती थी के महिमाकाणुसेविनाष्टयज्ञसंपादनाशामा

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