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को चोर h ale प्रकट गोपाय कर। frar Ti दिर नाच कर ॥ दो
नरसि. तिसो र यो। नाना नोमित देश को ।।
सरन्द्र विसामान बागेस को। PRETA नाली मार दीक्षा को ।। r e ... !: -- t-et • +7 .... inrrin ht¢ =1... . . . . . .
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सारादास मारनौर जयन के व तुम चररानि देत बढ़ाय पायागमन ना ॥ दिनपुर के महावीर तोरी छवि प्यारी।
प्रभु भव माताप निवार तम पद वलिहारी॥ rat marrierfere wer मनपागिरि और कपूर केशर ले हरपी। प्रा भय प्रताप मिटाय तम चरणनि परसों ॥ चदिन० htr ari Ke HEERITATErri०१२॥