Book Title: Jain Pooja Path Sangraha
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 479
________________ स० १ २ L ४ ५ ६ ७ ८ श्री चौबीस तीर्थङ्करों के पञ्च-कल्याणक तिथियां श्रावकों को नीचे लिखे दिनों में पूजन और स्वाध्याय करना चाहिये, ऐसा करने से पुण्य वध होता है । 콤 चैत्र वदी माघ सुदी कार्तिक सुदी माघ वदी चैत्र सुदी नाम तीर्थकर श्री आदिनाथ जी श्री अजितनाथ जी श्री सम्भवनाथ जी श्री अभिनन्दननाथ जी श्री सुमतिनाथ जी श्री पद्मप्रभु जी श्री मुपार्श्वनाथ जी श्री चन्द्रप्रभु जी श्री पुष्पदन्त जी श्री शीतलनाथ जी + mk ९ १० ११ श्री श्रेयांसनाथ जी १२ श्री वासुपूज्य जी गर्भ आपाद कृष्ण २ ज्येष्ठ वदी १५ फाल्गुन सुदी ८ वैसाख सुदी ६ श्रापण सुदी २ भाष पदी ६ भादों सुदी ६ चैत्र वदी जन्म ८ कार्तिक सुदी ज्येष्ठ सुदी पौष वदी मगमिर सुर्द माघ वदी ५ फाल्गुन वदी ९ चैत्र वद ८ ज्येष्ठ वदी फाल्गुन आषाढ़ वदी ६ फाल्गुन ६ ९ १० १५ १२ ११ १३ १२ ११ 7 १२ ११ ११ तप चैत्र वदी माघ सुदी मगसिर सुदी माघ सुदी चैत्र सुदी कार्तिक सुदी ज्येष्ठ सुदी पौष वदी मगसिर सुदी माघ वदी फाल्गुन वदी फाल्गुन वदी ९ १० १५ १२ ११ १३ १२ ११ १ १२ ११ १४ ज्ञान फाल्गुन वदी ११ पौष सुदी ४ कार्तिक वदी ४ पोप सुदी चैत्र सुदी चैत्र सुदी १४ ११ १५ फाल्गुन वदी ६ फाल्गुन वदी ७ कार्तिक सुदी पौष वदी माघ वदी भादों वदो २ १४ मोक्ष भाष वदी १४ चैत्र सुदी ५ चैत्र सुदी ६ वैसाथ गुदी ६ चैत्र ११ फाल्गुन वदी ४ फाल्गुन वदी ७ फाल्गुन पुरी ७ आसोज सुदी ८ आसोज सुदी ८ १ ● सुदी १५ २ भादों सुदी १४

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