Book Title: Gurupad Pooja
Author(s): Ajitsagarsuri
Publisher: Shamaldas Tuljaram Prantij

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुरुपदपूजा. योगनिष्ठश्रीमद् बुद्धिसागरसूरीश्वरपूजा. जन्म अने बालचरित्ररूप प्रथम जलपूजा ॥१॥ दुहाविनयसहित श्रीगुरुपदे, प्रेमे करुं प्रणाम; ज्ञानवडे जेणे दीधो, अंतरमां आराम ॥१॥ अनंत भवमां भटकतां, हेते झाल्यो हाथ; प्रेमदीपकथी पिंडमां, निरख्यो निरमल नाथ ॥ २॥ सरस्वती मुजवदनमां प्रेमे पूरो वास; महावीर करुणा करी, पूर्ण मटाडो प्यास ॥३॥ अविचल भक्ति आपजो, बुद्धि सिन्धुमुनिराज । आगमपंथ कीधो सुगम, सदा रहो शिरताज ॥ ४ ।। जप तप संयम सर्व पण, गुरु सेवनथी थाय; सफल को मुज आत्मने, सफल करी मुज काय ॥५॥ ढाल-मारी आंखडलीने आश-ए राग. जय बुद्धिसागर मुनिराज, नरभव सफल कयो; कयौं पावन गुर्जदेश, परहित देह धर्यो, ए टेक. सर्व देशनो शिरोमणि छे, गुणनिधि गुर्जर देश जोः . ते केरा उत्तम शुभ प्रांते, साबर वहे हमेश; नरभव स.॥१॥ For Private And Personal Use Only

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