Book Title: Gurupad Pooja
Author(s): Ajitsagarsuri
Publisher: Shamaldas Tuljaram Prantij

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Page 71
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अजितसागर मूरि उज्चरेरे: गुरुगम रम्य रुचिर. मूरिराज ! धन्य को अवतारनेरे० ॥१२॥ श्री गुरुगुणगान. राउपरनो. आंखडली अम आंसु भरीरे, विरह कह्यो नव जाय, गुरुदेव ! क्यारे दर्शन हवे आपशोरे ! काया पावन कारी आपनीरे, संभारी दील डोलाय, गुरुदेव ! क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. ! वचन अमृत याद आवतार, पावन कर्म सदाय, गुरुदेव ! क्यारे दर्शन हवे आपशोरे.! जननी ! भगत जन्म आपजेरे; कां दाता कां शूर गुरुदेव, ! क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. ! नहींनर रहेजे वांझणीरे; रखे गुमावती नूर, गुरुदेव ! क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. ॥४॥ For Private And Personal Use Only

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