Book Title: Gurupad Pooja
Author(s): Ajitsagarsuri
Publisher: Shamaldas Tuljaram Prantij

View full book text
Previous | Next

Page 69
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सोरठो. सद्गुरुनी थइ याद, मन तन व्याकुल थाय छे; निर्मल आप प्रताप, स्वीकारो अम अंजलि. ॥९॥ ॥१॥ १८ श्री गुरुनी स्तुति. सहेरनो सूबो क्यारे आबशेरे-ए राग. जन्मभूमि धन्य आपनीरे; पवित्र विजापुर गाम मूरिराज! धन्य कर्यों अवतारनेरे० टेक० मोक्षना दाता महातमारे; बुद्धिसागर रुडुं नाम. सूरिराज ! धन्य कर्यो अवतारनेरे० मूर्ति मधुरी मनमोहिनीरे: आवे अहोनिश याद. मूरिराज ! धन्य कर्यो अवतारनेरे० ॥२॥ अजपा जाप जप्यातमेरे; कबजे कर्या जगतात. मूरिराज ! धन्य कयौँ अवतारनेरे० उत्तम आव्यां वधामणारे; करता हता ज्यां विहार. मूरिराज ! धन्य कर्यों अवतारनेरे० ॥४॥ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102