Book Title: Gurupad Pooja
Author(s): Ajitsagarsuri
Publisher: Shamaldas Tuljaram Prantij
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सोरठो. सद्गुरुनी थइ याद, मन तन व्याकुल थाय छे; निर्मल आप प्रताप, स्वीकारो अम अंजलि.
॥९॥
॥१॥
१८ श्री गुरुनी स्तुति. सहेरनो सूबो क्यारे आबशेरे-ए राग. जन्मभूमि धन्य आपनीरे; पवित्र विजापुर गाम मूरिराज!
धन्य कर्यों अवतारनेरे० टेक० मोक्षना दाता महातमारे; बुद्धिसागर रुडुं नाम. सूरिराज !
धन्य कर्यो अवतारनेरे० मूर्ति मधुरी मनमोहिनीरे: आवे अहोनिश याद. मूरिराज !
धन्य कर्यो अवतारनेरे० ॥२॥ अजपा जाप जप्यातमेरे; कबजे कर्या जगतात. मूरिराज !
धन्य कयौँ अवतारनेरे० उत्तम आव्यां वधामणारे; करता हता ज्यां विहार. मूरिराज !
धन्य कर्यों अवतारनेरे० ॥४॥
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