________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अजितसागर मूरि उज्चरेरे: गुरुगम रम्य रुचिर. मूरिराज !
धन्य को अवतारनेरे० ॥१२॥
श्री गुरुगुणगान.
राउपरनो. आंखडली अम आंसु भरीरे,
विरह कह्यो नव जाय, गुरुदेव !
क्यारे दर्शन हवे आपशोरे ! काया पावन कारी आपनीरे,
संभारी दील डोलाय, गुरुदेव !
क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. ! वचन अमृत याद आवतार,
पावन कर्म सदाय, गुरुदेव !
क्यारे दर्शन हवे आपशोरे.! जननी ! भगत जन्म आपजेरे;
कां दाता कां शूर गुरुदेव, !
क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. ! नहींनर रहेजे वांझणीरे;
रखे गुमावती नूर, गुरुदेव ! क्यारे दर्शन हवे आपशोरे.
॥४॥
For Private And Personal Use Only