Book Title: Gurupad Pooja
Author(s): Ajitsagarsuri
Publisher: Shamaldas Tuljaram Prantij

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Page 48
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तवनसंग्रह. अलबेलीरे अंबेमात-ए राग. जय जय जयगुरु महाराज, अति करुणा कीधी. म्हने परमातनी आज, अति भक्ति दीधी; एटेक. आसंसार तणां सहु दुःखनो, गणतां नावे पारजो. ए दुःख दूर कर्यां सहु म्हारां, प्रगटयु भाग्य अपार; अति० ॥१॥ मृगतृष्णानुं जेवू पाणी, नावे कदीये हाथजो. आसंसार विषे सुख एवं, सार गुरुनो साथ; अति० ॥२॥ अनंत कालथकी अथडातो, पाम्यो पीडा अनंतजो. ज्ञान ज्योति प्रगटाव्युं पोते, आव्यो दुःखनो अंत; अति० ॥३॥ कल्पतरुनुं जेवु शरणुं, एवी आप सहायजो. अनंत भवनी पीडा गुरुनी, भाव भक्तिथी जाय: अति० ॥४॥ नर भव फरी फरी नावे हाथे, अति उत्तम अवतारजो. सफल कर्यों उपदेश आपीने, अतिमान उपकार; अति० ॥५॥ For Private And Personal Use Only

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