Book Title: Gurupad Pooja
Author(s): Ajitsagarsuri
Publisher: Shamaldas Tuljaram Prantij

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Page 39
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रेमभावना राखो प्राणीपर, पोता समान प्रमाण्या; -पार उतारोजी.- ॥२॥ साधु जनोना संग न कीधा, अवली उच्चारी वाणी; -उरमा धारोजी.सद्गुरु शब्दो दीलमां न धार्या, जोग जुक्ति नव जाणी; -पार उतारोजी.- ॥३॥ एक निरंजन अलखनी खातर, जगसुख आपे त्याग्यां; -उरमां धारोजी.सद्गुरु सेवा पूर्ण करी तमे, मुक्ति तणां दान माग्यां; __-पार उतारोजी.- ॥४॥ मनोहारी रुडी मूर्ति तमारी, याद अहोनिश आवे. -उरमां धारोजी.सद्गुरु भावे संभारीने, आंखडली आंसु लावे; -पार उतारोजी.- ॥५॥ अविद्या आवरण दूर कर्यां अने, सहज समाधि साधी -उरमां धारोजीअनंत उपकार विश्वजनो पर, प्रजाली पापनी व्याधी; -पार उतारोजी.- ॥६॥ निवास करजो अम दिलडामां, आशीर्वाद रुडा देजो; - -उरमां धारोजी.ध्यान भजनमा धैर्य आपीने, खरी खबर हवे लेजो; -पार उतारोजी.- ॥७॥ For Private And Personal Use Only

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