Book Title: Gurupad Pooja Author(s): Ajitsagarsuri Publisher: Shamaldas Tuljaram Prantij View full book textPage 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ט गुरुपद पूजा. प्रणम्य सिद्धार्थसुतं वरेण्यं, तनामि पूजां गुरुसिद्धिसौधम् श्रीसद्गुरूणामुपदेशखानी, भक्तिप्रभावोल्लसदात्मशक्तिः ।। सकलवृद्धिकराय महात्मने, निखिलकर्ममलक्षयकारिणे गुरुवराय वरिष्ठगुणात्मने, जलमहं विमलं परिकल्पये ॥१॥ ॐ ह्रीं श्री गुरुपदपूजार्थं जलं समर्पयामि - त्रिविधतापहराय शुभात्मने, जगति जन्मत्रतां सुखदायिने । कुमतिकर्दमवृन्दविशोषिणे, परिदधाम्यतिशीतलचन्दनम् ॥२॥ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥३॥ ॐ ह्रीं श्री गुरुपदपूजार्थं चन्दनं समर्पयामि - सुरभिदहगुणेन सुवासित - सकलभूक्लयाय जितात्मने । सुरनरेन्द्रगणस्तुत कर्मणे, सुगुरवे कुसुमानि यजामहे ॐ ह्रीं श्री सदगुरुपदपूजार्थं पुष्पाणि यजामहेविषयवाजिवशीकरणौजसे, मदविषोद्धरणोत्तमशक्तये । मतिमतां हृदि निश्चितमूर्त्तये, गुरुवराय सुधूपमहं यने ॐ ह्रीं श्री सद्गुरुपदपूजार्थं धूपं समर्पयामि - भक्किनिर्मलबोधविकासिने, प्रथितकीर्त्तियशोविशदात्मने । प्रहतकर्मचयाय तमोहरं, विशददीपमहं परिकल्पये A NY ७ ७ ॐ ह्रीश्री सद्गुरुपदपूजार्थं दीपं यजामहे ॥ For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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