Book Title: Dharm me Pravesh
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 23
________________ ये छोटे-छोटे सूत्र हैं, पर इनमें शान्ति, शक्ति, शुद्धि और मुक्ति की अनूठी आभा है। अपनाकर देखें, जीवन को कितना सुख - सुकून मिलता है। सच्चाई यह है कि हम ज्यों-ज्यों दिव्यता की ओर क़दम रखते हैं, पशुता और तमो गुण के प्रभाव स्वतः कम होते जाते हैं । मन पर विजय प्राप्त करना ही जीवन की वास्तविक आत्म-विजय है । 000 22 | Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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