Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan
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चैत्यवंदन महावीर स्वामी नु [२४] वर्धमान जिनवर नमो, त्रिशलानो नंदन, कंचनगुण दीपे सदा, जेह नाथ अकिंचन...१... श्री सिद्धारथ रायवंश, उदयाचल सूर, कर्म कठिन हेलां दली, पाम्या सुख भरपूर...२ इण परे जिन चोवीशमो, गातां गुणनी वृद्धि, राम कहे जिन सेवतां, लहिये सकल समृद्धि...३...
उपाध्याय मानविजयजी कृत
ऋषभदेव नु [१] प्रथम जिनेश्वर ऋषभदेव, प्रण, शिर नामी, पणसय धनुष प्रमाण देह, वर्णे अभिरामी...१ नाभिराया कुलमंडणो, मरुदेवी जायो, चोराशी लख पूरव आय, सुर नरपति गायो...२ विनीता नयरी राजीओ ए, ऋषभ लंछन वर पाय, जुगला धर्म निवारणो, मानविजय गुण गाय...३
अजितनाथ नु [२] अजित जिनेसर अरचिों , प्रह उठी प्रेमे, अष्ट महासिद्धि संपजे, वसि नितु खेमे...१... जितशत्रु विजया नंदनो, गज लंछन सोहे, नयरी अयोध्यानो धणी, भवियण मन मोहे...२... लाख बहोतेर पूरव मुं, जीवित सोवन मान, साढा चउसय धनुष देह, मान करे गुणगान...३...
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