Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan
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[ ६० ]
आयुष पचास लाख पूर्व, सहस मुनि सह भारी, माधव शुद्धि आठम समेत - शैल वर्या शिवनारी.... ५..... गर्भ मास अड ने दिवस- अडवीश ईश्वर यक्ष, कालीदेवी श्री संघना, वांछित पूरे प्रत्यक्ष.... ६..... सुमतिनाथ [५]
नंदा मेघ मंगलातणो, मणि इक्ष्वाकु खाण, मघा नक्षत्र राशि सिंह, चव्या नभ शुद बीज भाण..... १..... माधव शुदनी आठमे, जनमिया क्रौंच लंछन, त्रणशें घनु तनु राजतो, जिनजी वान सोवन्न....२.... पुरी अयोध्या राजीयो, चरण हजार संगाथ, माधव शुदि नवमी ग्रहे, त्रण जगतना नाथ....३..... चैत्र शुदी अकादशी, केवल प्रियंगु छाय, संयत संयति लख सहस ति-वीश, पंच त्रीश थाय.... ४..... आयु चालीश लाख पूर्व, सहस मुनिवर साथ, चैत्र शुदि नवमी समेत झाल्यो शिववहु हाथ.......... गर्भमास नव दिन खट, तुंबरू यक्ष सुदक्ष, शासन सेवामां सदा, महाकाली प्रत्यक्ष .... ६..... पद्मप्रभु नुं [६]
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नंदन घर सुशीमा तणो, इक्ष्वाकु कुल दीप, कन्या चित्रा राशि रूक्ष, प्रभु नमे सुर भूप.... १..... माघवदि छट्ठ दिन चव्या, ऊर्ज वद बारश जात, रक्त वर्ण लंछन कमल, अढी सय धनु तात कोसंबीपुर राजीओ, ओक सहस सह दीक्षा, कार्तिक बदि तेरश लिये, जन उपकारी भिक्षा....३.... केवल राका चै शुद, छत्रोपग तरू लीध, संयत संयती लख सहस, त्रि-त्रीश चउ-वीश कीध ... ४.... त्रीश लख पूर्वायु प्रभु, समेत शैल शिवनार, वर्यां आठसें त्रण सहित, मागशर वद अगियार.... ५....
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चैत्यवंदन
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